Mithila: दरभंगा सहरसा रेल खंड 1934 के विनाशकारी भूकंप में पूरी तरह से तिलजुगा नदी के उपर बने रेल ब्रीज के ध्वस्त हो जाने के कारण पूर्ण रूप से बंद हो गया था और उसके बाद झंझारपुर निर्मली के बीच छोटी गेज की रेल चलती थी।
लगभग 07 वर्षों से इस रेलखंड पर आमान परिवर्तन का कार्य चल रहा था जिसे पूरा कर लिया गया है और एक बार फिर दरभंगा से सहरसा तक रेल परिचालन को हरी झंडी मिल चुकी है अब इस रेल खंड पर बड़ी गेज की रेल दौडे़गी।
डीआरएम आलोक अग्रवाल ने कहा कि इस रेलखंड पर अप्रैल माह में रेल परिचालन की संभावना है। सहरसा से सुपौल सरायगढ़, निर्मली, झंझारपुर होकर दरभंगा तक ट्रेन सेवा शुरू करने के लिए अगले सप्ताह रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
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रेलवे बोर्ड से तिथि आते ही ट्रेन परिचालन शुरू कर दी जायेगी। कोशिश रहेगी कि अगले माह में ट्रेन परिचालन शुरू हो जाय। उन्होंने कहा कि 1471 करोड़ की लागत से चल रहे सहरसा-फारबिसगंज-सकरी-निर्मली-लौकहा (206) किलोमीटर आमान परिवर्तन कार्य में फिलहाल सहरसा से सुपौल, सरायगढ़ होते आसनपुर कुपहा और राघोपुर तक पैसेंजर ट्रेन चल रही है। एक अप्रैल से ललितग्राम तक ट्रेन चलनी शुरू हो जाएगी।
सहरसा से सुपौल सरायगढ़, निर्मली, झंझारपुर होकर दरभंगा तक ट्रेन परिचालन होने से मिथिला में रेल सुविधा के साथ रोजगार का भी उम्मीद बढ़ेगी।