झुंझुनूं के इतिहास में पहली बार नगर परिषद के भ्रष्टाचार के खिलाफ पार्षद एक एक साथ नजर आए

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झुंझुनूं (सुरेश सैनी) 23 मई 22 झुंझुनूं नगर परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं शहर की बिगड़े हालात को लेकर नगर परिषद के पार्षद दलगत भावना से उठकर आज एक  साथ धरने पर बैठे बैठे। यह सभी पार्षद दलगत भावना से ऊपर उठकर एक साथ  बैठने के लिए क्यों विवश हुए इसका कारण पहले आपको बताते हैं। दरअसल झुंझुनूं नगर परिषद क्षेत्र के बिगड़े हालात किसी से छुपे हुए नहीं हैं सड़कें गड्ढों के साथ अपना जीवन गुजर बसर करने को मजबूर हैं।

शहरवासी बुरी तरह परेशान है। शहर के मुख्य सड़कों के साथ-साथ वार्डों में भी बड़ी समस्याएं हैं जिन की तरफ भी ध्यान नहीं जा रहा।  झुंझुनूं  नगर परिषद के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। वहीं जिला प्रशासन भी क्यों मौन  बैठा है यह बात भी अब परेशान करने लगी है। क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक का आशीर्वाद नगर परिषद में बैठे लोगो को मिला हुआ जिसके चलते वे मीडिया में उजागर समाचार एवं आम जनता की आवाज को भी अनसुना कर रहे है। क्यों कि ऐसी स्वछंदता अकर्मण्यता बिना किसी राजनितिक सपोर्ट के लोकतंत्र में देखने को नहीं मिलती। खैर अब मुद्दे पर आते है, झुंझुनूं नगर परिषद के मुख्य गेट के बाहर बड़ी संख्या में पार्षद जो पार्टीगत विचारधारा के कभी एक दूसरे के धुर विरोधी हुआ करते थे। उनको भी एक साथ धरने पर बैठना पड़ा क्योंकि उनको लगा कि आने वाले समय में जनता उनको वार्डों में नहीं घुसने देगी। 


लगभग 25 से अधिक पार्षदों या उनके प्रतिनिधियों ने झुंझुनू नगर परिषद के बाहर बैठकर सांकेतिक धरना देकर आम सभा की। आम सभा के बाद में पार्षदों ने जिला कलेक्ट्रेट के लिए पैदल ही कूच किया और मुख्यमंत्री के नाम शहर की समस्याओं से जुड़ा हुआ ज्ञापन अतिरिक्त जिला कलेक्टर को सौंपा। इससे पूर्व सभा को संबोधित करते हुए पूर्व सभापति खालिद हुसैन ने कहा कि नगर परिषद में पट्टे उन्हीं को मिलते हैं जो दक्षिणा देते हैं। नगर परिषद में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। पूर्व सभापति ने चेताया कि मांगे पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन धरना या जयपुर कूच किया जा सकता है।  ढाई साल बीत जाने के बाद भी सड़कों के गड्ढे नहीं भरे गए हैं। 

भ्रष्टाचार की सारी हदें नगर परिषद ने पार कर दी हैं। वही पार्षद बुधराम सैनी ने आरोप लगाया कि सभापति के ससुर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं। नगर परिषद सभापति के रिश्तेदारों की आमदनी चौगुनी हो गई है। लेकिन ढाई साल में जनता की कोई सुनवाई नहीं हुई है।  पार्षदों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में 9 बिंदुओं में बहुत ही गंभीर मामले उठाए गए हैं। वहीं इस ज्ञापन की प्रति स्वायत्त शासन मंत्री, प्रमुख शासन सचिव, डायरेक्टर स्थानीय निकाय जयपुर, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भी भेजी गई है।

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