•  विभागीय उदासीनता के कारण भवनों पर स्थानीय लोगों का अवैध कब्जा
  • समयसारिणी सही नहीं रहने के कारण कामकाजी लोगों को नहीं मिलती सुविधा
  • डेढ़ दशक बाद भी दरभंगा- हरनगर रेलखंड पर बुनियादी सुविधा नहीं
  • कोरोना काल के बाद से मात्र एक जोड़ी सवारी ट्रेन का होता है परिचालन
  • पूर्व में तीन जोड़ी ट्रेनों का हुआ करता था परिचालन

प्रशासन की उदासीनता के कारण सकरी-हरनगर खंड रेल परिचालन प्रारंभ होने के 14 साल बाद भी आज तक आमलोगों के लिए अनुपयोगी बना हुआ है, कुशेश्वरस्थान जैसे सुदूर देहात के लोगों को इस रेल मार्ग से जोड़ने की सरकार की योजना आज तक अधूरी पड़ी है. कोरोना काल के बाद इस मार्ग पर मात्र एक गाड़ी का परिचालन प्रारंभ कर रेल महकमा सिर्फ खानापूरी कर रहा है. इसका फायदा लोगों को नहीं मिल रहा है. 


मालूम हो कि वर्ष 2008 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद द्वारा इस मार्ग पर बिरौल तक ट्रेनों का परिचालन प्रारंभ किया गया. बाद में विस्तार कर हरनगर तक परिचालन शुरू हुआ. कुशेश्वरस्थान के लोगों के लिए आज भी सुविधाजनक रेल सेवा दिवास्वप्न बना हुआ है. 


मात्र एक ट्रेन के चलने व समय-सारिणी सही नहीं होने के कारण आम यात्रियों को इससे खास फायदा नहीं हो रहा है. एक सवारी गाड़ी सुबह नौ बजे दरभंगा से खुलती है, जो दिन के लगभग 12 बेनीपुर पहुंचती है, वहीं, ट्रेन शाम पांच बजे हरनगर से दरभंगा के लिए चलती है. फलस्वरूप आम लोग इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं. ट्रेनों की संख्या न्यूनतम होने व यात्रियों की आमद नहीं होने के कारण इस मार्ग में बने रेलवे स्टेशन का रख-रखाव भी विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है. इससे इस मार्ग के अधिकांश रेलवे स्टेशन भवन खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं. सबसे दयनीय  स्थिति बेनीपुर बलहा रेलवे स्टेशन की है.


यहां प्लेटफॉर्म भवन रख-रखाव के अभाव में क्षतिग्रस्त हो रहा है. वहीं, कर्मियों के लिए बने आवास मवेशियों का आशियाना बना हुआ है. यहां के स्थानीय लोग रेल के अधिकांश भवन पर कब्जा जमाये हुए हैं. कोई इस भवन का मवेशी बांधने का उपयोग करता है, तो किसी ने इसमें भूसा रख छोड़ा है. बिजली आपूर्ति ठप रहने के कारण शाम ढलते ही स्टेशन परिसर में अंधेरा छा जाता है. परिणामस्वरूप असामाजिक तत्वों का कब्जा स्थापित है. इस कारण शाम में हरनगर से दरभंगा जाने वाली ट्रेन से सफर करने के लिए यात्री स्टेशन पर नहीं आते.


इघर प्रखंड, अनुमंडल, अचल, न्यायालय व नगर परिषद में कार्यरत कर्मियों का कहना है कि पूर्व में तीन जोड़ी ट्रेनों का परिचालन हुआ करता था, तो जिला मुख्यालय से बेनीपुर कार्यालय आने में परेशानी नहीं होती थी. कोरोना काल के बाद से मात्र एक जोड़ी ट्रेन के परिचालन से अब बस व टेंपो ही सहारा है. लोगों का कहना है कि ट्रेनों की संख्या शीघ्र नहीं बढ़ायी गयी, तो रेल प्रशासन के विरुद्ध आंदोलन किया जायेगा. इस संबंध में रेलवे के सीनियर डीसीएम से संपर्क का प्रयास किया। गया, परंतु उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया.