अच्छी खबर:-
- रेल मंत्री 7 मई को दोपहर में 2 बजे वर्चुअल माध्यम से करेंगे उद्घाटन समारोह को लेकर की जा रही है तैयारी
- झंझारपुर-सहरसा रेलखंड पर कल से ट्रेन का परिचालन शुरू होगा, स्पेशल ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे रेल मंत्री
- परियोजना को पूरा करने में 622 करोड़ रुपए खर्च हुए, मिथिलांचल और कोसी आपस में जुड़ेगा
- 1934 के बाद से रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन बंद था
झंझारपुर से लेकर सहरसा के लोगों के लिए सात मई का दिन ऐतिहासिक होगा। सात मई को मिथिलांचल और कोशी का क्षेत्र 88 साल बाद रेल से जुड़ जाएगा। वहीं, कम समय और कम भाड़े में लोग अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचेंगे। 7 मई को दिन के दो बजे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव नए रेलखंड पर स्पेशल ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इस रेलखंड पर झंझारपुर, मिथिला दीप, तमुरिया, नेमुआ, चिकना, घोघरडीहा, परसा, निर्मली, आसनपुर, कुपहा, सरायगढ़, भपटियाही थरविटटा, सुपौल एकामा, बरूआरी, पंचगछिया, कचहरी और सहरसा तक स्पेशल ट्रेन चलने के बाद यात्री पैसेंजर ट्रेन का आनंद लेंगे।
वर्तमान में यात्रियों को दरभंगा से समस्तीपुर और मानसी, खगड़िया होते हुए सहरसा या सुपौल से सहरसा जाना पड़ता था। इसमें समय के साथ खर्च भी अधिक लगता था। लेकिन इस रेलखंड पर ट्रेन चलने से यात्री कम समय और कम भाड़े में दरभंगा से झंझारपुर, निर्मली होते हुए सहरसा तक पहुंचेंगे। रेलखंड को बड़ी रेललाइन में बदलने की घोषणा 17 वर्ष पूर्व हुई थी जिसको लेकर दो-दो बार शिलान्यास भी किया गया। 15 सितम्बर 2016 को इसके लिए प्रथम फेज में झंझारपुर और घोघरडीहा के बीच ब्लॉक लिया गया। वहीं माले में बता कि इस परियोजना की लागत 622 करोड़ है।
मिथिलांचल और कोशी क्षेत्र को जोड़ने वाला यह रेलखंड 1934 के भूकंप के बाद से बंद था। इस रेलखंड को फिर से चालू करने के लिए 2012 में आमान परिवर्तन का कार्य शुरू किया गया था। बीते 10 सालों में आमान परिवर्तन के तहत इस रेलखंड पर ट्रैक बिछाने से लेकर स्टेशनों का भवन, प्लेटफार्म, छोटी-छोटी अलावा कोसी पर महासेतु का निर्माण पूरा होने के टापुल पुलिया के बाद ट्रेन का परिचालन शुरू होगा। वहीं, झंझारपुर रेलवे जंक्शन पर जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। रेल परिचालन को लेकर उद्घाटन करने और आगत अतिथियों के लिए मंच का निर्माण किया जा रहा है।