FORBESGANJ : सीताधार पुल से पहले सहरसा रेलखंड को फारबिसगंज स्टेशन तक जोड़ने को लेकर बन रहा है बाइपास

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FORBESGANJ: STAR MITHILA: सहरसा रेलखंड में नरपतगंज से फारबिसगंज तक रेल इंजन का ट्रायल होने के बाद सहरसा रेलखंड को फारबिसगंज रेलवे स्टेशन तक जोड़ने के लिए सीताधार पुल से पहले बाइपास का निर्माण किया जा रहा है, सीताधार में पुल निर्माण कार्य चल रहा है, जिसे बनने में समय लग सकता है. फारबिसगंज रेलवे स्टेशन से सीताधार बाइपास तक पटरी बिछाने का कार्य प्रारंभ हो गया है.


रेलवे अधिकारियों की मानें तो फारबिसगंज के सीताघार में पुल निर्माण होने तक अस्थायी बाइपास बनेगा. फारबिसगंज- सहरसा रेलखंड पर सीताधार निर्माणाधीन पुल के पहले बाइपास का निर्माण कराया जा रहा है. ताकि नरपतगंज से फारबिसगंज-सहरसा रेल परिचालन शुरू हो सकें. वहां पहले से पुल बना है. जानकारी अनुसार इस बाइपास निर्माण की पूरी जिम्मेदारी एनएफ रेलवे की है. इसके लिए मंत्रालय स्तर से एनएफ रेलवे को निर्देश जारी हो चुका है. रेलवे सूत्रों की माने तो बाइपास लिंक करने से पहले रेलवे सुरक्षा आयुक्त यानि सीआरएस से एप्रूवल लिया जायेगा. 15 अगस्त को दोनों रेलवे के जीएम का निरीक्षण संयुक्त रूप से फारबिसगंज में होने की संभावना है, लगभग 25 वर्षों के बाद क्षेत्रवासियों को दिखने लगा है.

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फारबिसगंज-सहरसा रेलखंड पूरा होने का आस. 1997 में तत्कालीन रेल मंत्री रामविलास पासवान द्वारा फारबिसगंज- सहरसा रेल खंड को रेल बजट में शामिल किया गया था. विगत 20 जनवरी 2012 से इस रेलखंड पर आवागमन बिल्कुल बंद कर इस खंड पर मेगा ब्लॉक लिया गया था. फारबिसगंज रेलवे स्टेशन से सीताधार पुल तक बाइपास बनाने की जिम्मेदारी एनएफ रेलवे की है. फारबिसगंज रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रही है, जिस प्रकार से फारबिसगंज के सीताधार पुल तक रेल इंजन का ट्रायल हो चुका है.

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काम तेजी गति से चलने से एक से दो महीने में फारबिसगंज स्टेशन तक नरपतगंज से फारबिसगंज इंजन आ सकती है. वर्ष 2008 के कुसहा त्रासदी के दौरान ही इस खंड का अस्तित्व खत्म हो गया था. उस समय तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद द्वारा स्पेशल ट्रेन से बाढ़ पीड़ितों की सुधि लेने के लिए फारबिसगंज से नरपतगंज की यात्रा की गयी थी. 

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इसके बाद एक दो ट्रेनों को छोड़ दें तो अब तक आमान परिवर्तन कार्य को लेकर ट्रेनों का आवागमन पूर्ण रूप से बाधित है, आमान परिवर्तन कार्य में कुछ हद तक तेजी आई है तो फिर 25 वर्षों के बाद ही सही इस रेलखंड पर ट्रेनों के परिचालन की आस जगी है. स्थानीय लोगों ने सहरसा रेलखंड पर नरपतगंज तक ट्रेन परिचालन की मांग की है. स्थानीय लोगों ने फारबिसगंज में पीट लाइन निर्माण की मांग की है, ताकि इस इलाके से देश के अन्य हिस्सों में लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सके.


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