FORBESGANJ: बाइपास होकर सहरसा फारबिसगंज ट्रेन का होगा परिचालन

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FORBESGANJ: फारबिसगंज के निकट सीताधार में रेलवे पुल निर्माण होने तक जोगबनी-कटिहार रेलखंड से जुड़कर बाइपास होकर सहरसा फारबिसगंज ट्रेन का परिचालन होगा। बाइपास की लंबाई केवल सौ मीटर है। मीटर वर्क हो चुका है।


शेष काम बाकी है। जो तेजी से हो रहा है। यह बाइपास अस्थायी होगा। बारिश के मौसम को देखते हुए दिसंबर से पहले सीताधार का निर्माणाधीन पुल पूर्ण होने की उम्मीद नहीं है। इसलिए रेल मंत्रालय ने तत्काल बाइपास होकर रेल परिचालन का निर्णय लिया गया है।

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पहले उम्मीद थी कि जुलाई से पूर्व सीताधार का रेल पुल बन जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। बारिश को देखते हुए ऐसी उम्मीद भी नहीं है। एनएफ रेलवे पूर्णिया के आईओडब्ल्यू यानि कार्य निरीक्षक रूपेश पंजियार ने बताया कि बाईपास बनाने की जिम्मेबारी एनएफ रेलवे की है। सीआरएस से एप्रूवल मिलते ही बाईपास लिंक का काम पूरा हो जाएगा। 10 वर्षों से नहीं चली एक भी ट्रेनः विगत 20 जनवरी 2012 से इस रेलखंड पर आवागमन बिल्कुल बंद है क्योंकि इसी दिन बड़ी लाइन के लिए इस खंड पर मेगा ब्लॉक लिया गया था।

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विगत 2008 के कुसहा त्रासदी के दौरान ही इस खंड का अस्तित्व खत्म हो गया था। उसी समय तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद द्वारा स्पेशल ट्रेन से बाढ़ पीड़ितों की सुधि लेने के लिए फारबिसगंज से नरपतगंज‍ की यात्रा की गई थी। इसके बाद एक आध ट्रेनों को छोड़ दें तो अब तक आवागमन पूर्ण रूप से बाधित है। अब जब काम में काफी तेजी आई है ते फिर 25 वर्षों के बाद ही सही पूर्व में देखे गए सपने लोगों के आंखों में सरकार होते देखे जा सकते हैं।

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  • 01 मीटर है बाइपास की लंबाई, काम हो चुका पूरा
  • 20 जनवरी 2012 से पूरी तरह से ठप है रेल सेवा
  • 2008 की कुसहा त्रासदी के दौरान ही इस खंड का खत्म हो गया था अस्तित्व
  • दिसंबर से पहले सीताधार का निर्माणाधीन पुल पूर्ण होने की उम्मीद नहीं है
  • पहले उम्मीद थी कि जुलाई में पुल बन जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका
  • सीताधार में पुल के निर्माण में देरी ट्रेन चलाने को बन रहा है बाइपास

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