BEGUSARAI: यदि बरौनी रिफाइनरी (Barauni Refinery) में सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो अगले महीने से ही विश्वस्तरीय एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) यानी हवाई ईंधन का उत्पादन शुरू हो जायेगा। कमीशनिंग का काम भी करीब पूरा हो चुका है। उत्पादित एटीएफ को ब्रिटेन की सबसे प्रमुख लैब कंपनी को माइक्रो टेस्टिंग के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद एटीएफ का उत्पादन शुरू कर दिया जायेगा।


इन एयरपोर्ट की ईंधन जरूरत को करेगी पूरा : इंडजेट इकाई एटीएफ का उत्पादन करेगी. यह सूबे के पटना, दरभंगा और गया एयरपोर्ट की ईंधन जरूरत को पूरा करेगी. इसके साथ ही पड़ोसी देश नेपाल में भी एटीएफ की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी. पांच सालों से इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है.पिछले दिनों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन एसएम वैद्य ने इसे लेकर बरौनी रिफाइनरी के दौरे के दौरान समीक्षा की थी. इंडियन ऑयल के वरीय अधिकारियों के मुताबिक़ एटीएफ के उत्पादन के लिए कंपनी के आरएंडडी डिवीजन द्वारा विकसित मेक इन इंडिया तकनीक का इस्तेमाल करने वाली पहली इकाई है.

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जानकारी के अनुसार, पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन से इसके लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र मिल चुका है. तकरीबन 250 केटीपीए क्षमता वाली इस यूनिट से टेस्टिंग रिपोर्ट आने के बाद उत्पादन प्रक्रिया शुरू की जायेगी. वहीं इसका उद्घाटन कब होगा, इसे बताना मुश्किल है। हालांकि 15 अगस्त से उत्पादन शुरू हो सकता है और इसका निर्णय पेट्रोलियम मंत्रालय के स्तर पर होगा.

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वहीं, गुरूवार से 32 साल बाद पाइपलाइन से मोरीगांव और हल्दिया (पश्चिम बंगाल) से बरौनी रिफाइनरी में एटीएफ पहुंचने का काम शुरू हो गया है. मोरीगांव और हल्दिया से बरौनी रिफाइनरी तक इसके लिए अंडरग्राउंड पाइप बिछाया गया है. ईंधन को बरौनी रिफाइनरी में स्टॉक किया जायेगा. फिर टैंकर के जरिए पटना, दरभंगा और गया एयरपोर्ट सप्लाइ किया जायेगा.