NATION: बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की गुणवत्ता की पोल खुल गई है। PM नरेंद्र मोदी के उद्घाटन करने के महज 5 दिन बाद पहली बारिश में एक्सप्रेस-वे की सड़क कई जगह पर धंस गई। सड़क में करीब 1 फुट गहरा गड्‌ढा हो गया है। वहीं रात को गड्‌ढे में फंसकर कई गाड़ियां पलटते-पलटते बचीं और कई राहगीर गिरकर चोटिल हो गए।


प्रधानमंत्री ने 16 जुलाई को जालौन के कथेरी गांव से बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शुभारंभ किया था। जिसके बाद जनता के लिए यह एक्सप्रेस-वे खोल दिया गया था। सरकार के अफसरों ने एक्सप्रेस-वे को पूरी गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में पूरा करने का दावा किया था।

195 किमी पर धंसा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे
बुधवार को बारिश के बाद बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का जायजा लिया गया तो जालौन के छिरिया सलेमपुर से निकलते ही एक्सप्रेस-वे के 195 किलोमीटर पर सड़क धंसी मिली। सड़क पर करीब 8 फीट लंबा व 1 फीट गहरा गड्‌ढा हो गया था। जिसकी जानकारी मिलने के बाद इस लेन को बंद कर दिया गया। जेसीबी से गड्‌ढे को बराबर किया जा रहा है।


रात को कई गाड़ियां हुईं हादसे का शिकार

बुधवार रात करीब डेढ़ बजे इसी एक्सप्रेस-वे से बांदा जा रहे जालौन के अनिल जादौन की कार दुर्घटनाग्रस्त हुई तो वह रुक गए। गड्ढे के पास खड़े होकर लोगों को सचेत किया, ताकि किसी और के साथ हादसा न हो। अनिल ने बताया कि अंधेरे में लोगों को गड्‌ढे नजर नहीं आए और एक एक-कर हादसे होते रहे।

एक लेन से निकाला जा रहा ट्रैफिक
चार लेन के एक्सप्रेस-वे पर जालौन से चित्रकूट की तरफ बढ़ने पर छिरिया सलेमपुर टोल प्लाजा से 11 किमी पहले धंसी दो लेन की सड़क पर फिलहाल यातायात रोक दिया गया है। अब एक सड़क से ही दोनों तरफ का ट्रैफिक निकाला जा रहा है। संकेतक रखकर वाहनों के आवागमन से रोका गया है।

राजस्थान की गावर कंपनी ने किया है निर्माण
गावर कंपनी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया है। राजस्थान की गावर कंपनी के दावों की पोल बारिश ने खोलकर रख दी है। एक्सप्रेस-वे पर भी छुट्‌टा मवेशियों का भी झुंड भी घूमता देखा गया। इसके चलते हादसे के खतरे से भी इंकार नहीं किया जा सकता।

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14800 करोड़ की लागत से बना है 296 किमी एक्सप्रेस-वे
चित्रकूट से इटावा तक बने 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे को 14800 करोड़ की लागत से बनाया गया है। यूपीडा के CEO अवनीश अवस्थी ने इसकी गुणवत्ता को उच्च क्वालिटी का बताया था, लेकिन इसकी क्वालिटी की पोल जालौन में बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश ने खोल दी। बताते चलें कि, रिकार्ड 28 महीने में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे तैयार कर दिया गया। जबकि इसे 36 महीने में तैयार करने का लक्ष्य था।


खराब सड़क को बनाने की थी तैयारी: प्रोजेक्ट डायरेक्टर यूपीडा

मामले में यूपीडा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर चंद्र भूषण ने बताया, "सड़क के खराब होने की जानकारी थी। जगह को चिन्हित कर सही कराने की तैयारी थी। मगर बुधवार की दोपहर हुई बारिश के कारण यह काम अधूरा रह गया। जेसीबी से खुदवाकर काम शुरू करा दिया है और देर रात तक इस सड़क को सही कर लिया जाएगा।"