SUPAUL : सवाल पूछे जाते हैं कि देश का सबसे लंबा नदी पुल कौन सा है? अब तक जवाब यही होता है कि असम का 9.15 किमी लंबा भूपेन हजारिका सेतु अभी देश में सबसे लंबा है. लेकिन, जल्दी ही आपको अपना सामान्य ज्ञान अपडेट करना होगा और जवाब होगा बिहार में कोसी नदी पर बना पुल देश का सबसे लंबा नदी पुल है. दरअसल सुपौल के बकौर से और मधुबनी जिले के भेजा के बीच देश के सबसे लंबा सड़क पुल का निर्माण किया जा रहा है. 



यह भूपेन हजारिका पुल से भी करीब 1 किलोमीटर लंबा होगा. केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 984 करोड़ की लागत से 10.2 किलोमीटर लंबे महासेतु का निर्माण कार्य की गति तेजी कर दी गई है और यह 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा.इस पुल के निर्माण के बाद सुपौल से मधुबनी की दूरी 30 किलोमीटर कम हो जाएगी. फिलहाल लोगों को मधुबनी जाने के लिए 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है,जो घटकर 70 किमी हो जाएगी. 


दरअसल, बिहार का शोक कही जाने वाली कोसी नदी अपनी धारा हमेशा बदलते रहती. इसका पाट यानी दोनों धाराओं के बीच की दूरी बहुत अधिक रहती है. खास तौर पर बाढ़ के समय इसकी पाट और चौड़ी हो जाती है. ऐसे में कोसी सुपौल जिले के बकौर से मधुबनी जिले के भेजा के बीच देश के सबसे लंबा सड़क पुल का निर्माण शुरू हो गया है. इस महासेतु के सिर को दोनों तरफ बने तटबंध (पूर्वी और पश्चिमी) से सीधे जोड़ा जा रहा है. इस कारण से यह महासेतु देश में सबसे लंबा हो जाएगा. 

इस पुल में कुल 171 पिलर बनेंगे. इनमें से 113 का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. जबकि पांच पिलर बनकर तैयार हो गए हैं. इसमें बकौर की ओर से 36 पिलर और भेजा की ओर से 87 पिलर होंगे. इसमें बकौर की ओर से 2.1 किलोमीटर और भेजा की तरफ से 1 किलोमीटर एप्रोच पथ का निर्माण किया जाना है. एप्रोच रोड मिलाकर पुल की लंबाई 13.3 किलोमीटर होगी. 


भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मधुबनी के उमगांव से महिषी तारापीठ (सहरसा) के बीच बन रहे फोरलेन सड़क के एलाइनमेंट में यह पुल बन रहा है. यह निर्माण कार्य दो एजेंसी मिलकर कर रही है. इसमें गैमन इंडिया एवं ट्रांस रेल लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. इस पुल का निर्माण भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत होगा. भारतमाला प्रोजेक्ट 5 पैकेजों में बन रहा है. इन्हीं में से एक पैकेज में इस पुल का निर्माण हो रहा है. 

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यह पुल सामरिक दृष्टिकोण से भी बहुत ही महत्वपूर्ण है. नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के साथ उत्तर-पूर्व के राज्यों को जोड़ेगा. इसके निर्माण से बागडोगरा एयरपोर्ट पर भी आने-जाने में काफी आसानी होगी. कोविड-19 के कारण निर्माण कार्य में देरी हुई थी. लेकिन दिसंबर 2024 तक पुल निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा. फिलहाल अभी तक पुल का 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. 


गौरतलब है कि भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बिहार में चार एक्सप्रेस वे भी बन रहे हैं. इन एक्सप्रेस वे के बन जाने से बिहार के किसी भी हिस्से से कोलकाता और दिल्ली की दूरी काफी घट जाएगी. इसके साथ ही अंतर राज्य आवागमन बेहद आसान हो जाएगा. इनमें से एक एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य चल रहा है जबकि अन्य का डीपीआर बनाया जा रहा है.