PATNA: आंदोलन के डर से छात्रों को परीक्षा के दौरान रेल टिकट पर मिलने वाली छूट तो मिलती रहेगी, लेकिन रेलवे बोर्ड ने सीनियर सिटीजन को मिलने वाली रियायत को खत्म कर दिया है। रेलवे के इस निर्णय से बिहार के करीब 94 लाख और पटना के करीब 5 लाख 42 हजार सीनियर सिटीजन को अब पूरा किराया देकर यात्रा करनी होगी। 58 से अधिक की उम्र की महिला और 60 से अधिक आयु वाले पुरुषों को रेल टिकट पर छूट मिलती थी।
कोरोना काल में सीनियर सिटीजन को रेल सफर पर मिलने वाली छूट को बंद कर दिया गया था। लोगों को उम्मीद थी कि कोरोना पर नियंत्रण होने के बाद फिर से रेलवे छूट देगा। लेकिन, रेलवे बोर्ड ने सीनियर सिटीजन महिला और पुरुष दोनों को मिलने वाली छूट को खत्म कर दिया गया है। इसको लेकर सीनियर सिटीजन के बीच नाराजगी है। उन्होंने कहा कि छात्र आंदोलन कर सकते हैं, इसलिए उनके डर से उन्हें मिलने वाली छूट को जारी रखा गया है।
इन्हें मिलेगी छूट
1. होम टाउन या एजुकेशन टूर पर जाने वाले जनरल कैटेगरी और एससी-एसटी कैटेगरी के स्टूडेंट्स को सेकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में छूट मिलती है। वहीं, ग्रेजुएट तक की लड़कियों और 12वीं कक्षा तक के लड़कों (मदरसा के छात्रों सहित) को घर और स्कूल के बीच को फ्री सेकेंड क्लास एमएसटी की सुविधा।
2. ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों के छात्रों को साल एकबार एजुकेशन टूर के लिए दूसरे दर्जे में, मेडिकल, इंजीनियरिंग एंट्रेंस, यूपीएससी, एसएससी भैंस, रिसर्च वर्क के लिए रिसर्चर्स को सेंकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में छूट
3. इलाज के लिए जा रहे कैंसर और थैलेसीमिया रोगियों के साथ एक अटेंडेंट को छूट दी जाती है। इसके अलावा हार्ट सर्जरी, डायलिसिस, हेमोफीलिया, टीवी, एड्स, कुष्ठ, ऑस्टोमी आदि के रोगियों को छूट मिलती है।
4. दिव्यांग को एक शख्स को ले जाने की इजाजत होती है और उन्हें 3 एसी चेयरकार, शयनयान और सेंकेंड क्लास में 75%, फर्स्ट एसी और सेकेंड एसी में 50%, राजधानी / शताब्दी की 3 एसी और चेयरकार में 25% की छूट होती है।