मेमू ट्रेनों के आसान रखरखाव व मरम्मत की अच्छी सुविधा के लिए गया जंक्शन पर मेमू शेड का निर्माण किया जा रहा है. रेलवे इसके के लिए लगातार कार्य कर रहा है और जल्द ही इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा. अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस गया जंक्शन के मेमू शेड का निर्माण कार्य कोरोना की वजह से कुछ वक्त के लिए धीमा हुआ था. परंतु अब निर्माण कार्य को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया तेज हो गई है.


110 करोड़ की लागत से बन रहा शेड 

लगभग 110 करोड़ रूपए की लागत से गया जंक्शन पर बनने वाला मेमू शेड भारत में सबसे बड़ा होगा. इस शेड में एक बार में 20 कोचों के 30 रेक रखने की क्षमता होगी. इस मेमू शेड में पर्यावरण की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए हरित पहल (green initiative) के तहत एक जल उपचार संयंत्र (water treatment plant ) और 272 kWp के सोलर पैनल भी लगाए गए हैं.



रखरखाव के लिए पदस्थापित किए जाएंगे कर्मचारी 

इस मेमू शेड का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद यहां गया जंक्शन क्षेत्र के मेमू ट्रेनों के अलावा पूर्व मध्य रेलवे जोन व दूसरे जोन के मेमू ट्रेनों का भी आधुनिक तरीके से समुचित रखरखाव किया जा सकेगा. इस मेमू शेड में काम करने के लिए करीब दो सौ संबंधित विभागीय रेल अधिकारी और रेल कर्मियों को पदस्थापित किया जाएगा. इसके अलावा यहां आउट सोर्शिंग के तहत भी कर्मियों की तैनाती की जा सकती है.

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गया रेलवे स्टेशन को भी बनाया जा रहा विश्वस्तरीय 

गया में बन रहा यह मेमू शेड पूर्व मध्य रेलवे का सबसे अत्याधुनिक सुविधा से लैस पहला तथा झाझा के बाद दूसरा मेमू शेड होगा. इस मेमू शेड के महत्व को देखते हुए रेलवे बोर्ड स्तर पर इसका उद्घाटन कर सकती है. इसके अलावा गया रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तरह विश्वस्तरीय बनाए जाने पर भी काम चल रहा है. गया रेलवे स्टेशन को पूरी तरह से आधुनिक बनाने के लिए लगभग 300 करोड़ रुपए की योजना तैयार की गई है.