JHANJHARPUR: झंझारपुर के अररिया संग्राम स्थित एनएच 57 के समीप जिस रूप से जिस उद्देश्य के लिए ट्रामा सेंटर बनाया गया वह उद्देश अभी तक लोगों को कामयाब नहीं होते देख रहा है। बीती रात सड़क दुर्घटना में 12 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिसमें चार लोगों की मौत हो जाती है। दो की मौत घटनास्थल पर ही हो गई और दो की मौत झंझारपुर अनुमंडल अस्पताल और डीएमसीएच ले जाने दौरान दो लोगों की मौत हो गई।
यह दुर्घटना ट्रामा सेंटर से मात्र एक हजार फीट दूरी पर हुई है। अगर सुचारू रूप से ट्रामा सेंटर चालू रहता तो दो लोगों को बचाया जा सकता था। लेकिन सिर्फ नाम के लिए ट्रामा सेंटर बनाया गया है। यहां सरकार द्वारा कोई उपचार का व्यवस्था नहीं है। यहां एक डॉक्टर, दो जीएनएम, एक लिपिक और एक एम्बुलेंस चालक हैं। जिसमें कोई कर्मियों परमानेंट रूप में नहीं है।
डॉक्टर और कर्मियों प्रतिनियुक्ति पर हैं। यहां स्थायी रूप से नहीं डाक्टर हैं और ना ही कर्मियों। जबकि ट्रामा सेंटर के लिए 73 कर्मियों का पद सृजित है। लेकिन स्थायी रूप से कोई डाक्टर या कर्मी नहीं है। ऐसे में ट्रामा सेंटर में बेहतर इलाज का कल्पना नहीं किया जा सकता है। अररिया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि झा ने सोमवार को ट्रामा सेंटर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया है। उन्होंने कहा कि ट्रामा सेंटर पूर्ण रूप से कामयाब रहता तो दो लोगों को बचाया जा सकता था। लेकिन ट्रामा सेंटर खुद अभाव ग्रस्त है। डाक्टर के साथ कर्मियों की भारी कमी देखी गई है।
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