NATIONAL: भारतीय रेल की पहली निजी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस घाटे की पटरी पर दौड़ रही है। रेलवे ने दावा किया था कि आधुनिक सुविधाओं से युक्त तेजस हवाई मार्ग के यात्रियों को आकर्षित करेगी। इसके बाद 110 से अधिक निजी ट्रेन चलाने की योजना है। लेकिन डायनेमिक फेयर और सस्ती एयरलांइस के आगे तेजस पिछले तीन वर्षों से लगातार घाटे में चल रही है।

रेलवे मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी। तेजस एक्सप्रेस दिल्ली से लखनऊ और अहमदाबाद से मुंबई के बीच में चलाई जा रही। दिल्ली-लखनऊ तेजस ने 2019 में 2.33 करोड़ रुपये लाभ कमाया लेकिन 2020-21 में 16.79 करोड़ और 2021-22 में 8.50 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। अहमदाबाद-मुंबई तेजस पिछले तीन सालों से निरंतर नुकसान झेल रही है। पहले साल 2.91 करोड़, दूसरे साल 16.45 करोड़ और तीसरे साल 16 करोड़ का नुकसान हुआ है।

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क्या है वजह

जानकारों के मुताबिक, तेजस में डायनेमिक फेयर पॉलिसी के कारण यात्री सफर करने से कन्नी काट रहे हैं। क्योंकि इसमें 10 फीसदी टिकट बुकिंग के बाद प्रत्येक 10 फीसदी बुकिंग पर किराया बढ़ जाता है। कई बार तेजस का किराया सस्ती एयरलाइंस से भी अधिक हो जाता है। इस फार्मूले में पीक सीजन में किराया बढ़ जाता है और लीन सीजन में कम हो जाता है।

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काफी लग्जरी ट्रेन है तेजस एक्सप्रेस

तेजस एक्सप्रेस में कोच की भीतरी साज सज्जा, लाइटिंग, ब्रांडेड खाना लग्जरी सफर का एहसास कराती है। ट्रेन में एलईडी टीवी, कॉल बटन से सहायक को बुलाना, कोच के ऑटोमैटिक दरवाजे हैं, जोकि साइड से खुलते हैँ। प्रत्येक कोच में एक इमरजेंसी निकास है। सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। आगजनी को रोकने के लिए कोच स्मोक एंड फायर डिटेक्शन डिवाइस लगाए गए हैं। तमाम सुविधाओं के बावजूद ट्रेन अपनी पूरी क्षमता से नहीं चल रही है। यानी 100 फीसदी यात्री सफर नहीं कर रहे हैं।