39 साल से नहीं बिका एक भी टिकट, लोग आज भी करते ट्रेन का इंतजार है, पढ़ें अद्भुत कहानी

Star Mithila News
0

BOKARO: कालापत्थर गांव के पास 1982 में चास रेलवे स्टेशन की स्थापना की गई। लेकिन इस पर आज तक कोई यात्री ट्रेन नहीं आई। इस रूट से कोई ट्रेन गुजरती ही नहीं है, यही कारण है कि 33 साल में इस रेलवे स्टेशन से एक टिकट तक नहीं बिका। 


इस स्टेशन में पांच स्टेशन मास्टर और 14 ऑपरेटिंग स्टाॅफ हैं। राजस्व नहीं आने के कारण यहां कमर्शियल स्टॉफ एक भी नहीं हैं। इन 19 कर्मियों के पीछे रेलवे हर माह लगभग चार लाख रुपये वेतन मद में खर्च करती है, जबकि अन्य अनुरक्षण के नाम पर भी लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। लेकिन जनता को कुछ फायदा नहीं हो रहा है।

Also Read: 17 साल बाद चली ट्रेन औसत 3 यात्री करते सफर, समय परिवर्तन की मांग

बोकारो-महुदा लाइन कहा जाता है इसे
बोकारो स्टेशन से महुदा तक इस रूट में मालगाड़ियां चलती हैं। इसे बोकारो- महुदा लाइन कहा जाता है। 43 किमी लंबी लाइन में बोकारो स्टेशन के बाद इस्पात नगर स्टेशन, चास स्टेशन, बांधडीह स्टेशन, तलगड़िया स्टेशन और महुदा स्टेशन है। इस रूट में 24 घंटे में 10 से 30 मालगाड़ियां गुजरती हैं। अधिकतर मालगाड़ियां बीएसएल और इलेक्ट्रो स्टील कंपनी की चलती हैं।

कहा कुछ और किया कुछ
जब इस लाइन का निर्माण हो रहा था, तब ग्रामीणों से यह कहकर जमीन ली गई थी कि इस रूट में मालगाड़ियों के साथ सवारी गाड़ियां भी चलेंगी। लेकिन अब तक सिर्फ मालगाड़ी ही चलती आ रही है। इस बारे में ग्रामीण जावेद अंसारी ने कहा कि हमारी ओर से कई बार डीआएम और रेल मंत्री को आवेदन दिया गया, लेकिन सवारी गाड़ियों का परिचालन शुरू नहीं किया गया। वहीं, स्टेशन मास्टर एनके गुप्ता ने कहा कि सवारी गाड़ी के लिए यह लाइन फिट नहीं है।


विधायक ने लिखा रेल मंत्री को पत्र
बोकारो के विधायक विरंची नारायण ने इस संबंध में रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र लिखा है। पत्र में कहा कि 80 के दशक में चास रेलवे स्टेशन का निर्माण कराया गया था। यहां से अाज तक एक भी ट्रेन नहीं चली, जो आश्चर्य का विषय है।

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top