दरभंगाः Darbhanga Airport: उड़ान योजना के तहत दरभंगा से हवाई यात्रा शुरू होते ही पूरे मिथिलांचल में खुशी की लहर दौड़ गई थी. वहीं लगातार यहां से हवाई यात्रा में यात्री की संख्या कीर्तिमान बना रही थी, लेकिन अब यहां से यात्री मुंह मोड़ने लगे हैं और पटना का रुख करने लगे हैं. वजह, वजह है यहां से यात्रा की आधिक कीमत. यात्री इसके लिए टिकट की अधिक कीमत एवं बुनियादी सुविधाओं के अभाव को बड़ा कारण मान रहे हैं. आंकड़ों की बात करें तो बीते 20 जुलाई को कुल 10 उड़ानों में 1496 यात्रियों ने ही उड़ान भरी. 


1651 यात्रियों ने 24 जुलाई को भरी उड़ान

24 जुलाई को 10 उड़ानों के जरिए 1651 यात्रियों ने यात्रा की है. निश्चित रूप से यात्रियों की घटती संख्या एक चिंता का विषय है. यात्रियों का कहना है की पटना की अपेक्षा कई जगहों की हवाई यात्रा दरभंगा से दोगुनी से भी अधिक ली जा रही है. वहीं यहां पर बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है. जिस कारण यात्री यहां से मुंह मोड़ने लगे हैं. ये यात्री के अनुभवों के मुताबिक, बेंगलुरू से पटना जाना कुछ सस्ता है. वहां से4500 से 5000 रुपये के करीब किराया आता है. इमरजेंसी में दरभंगा से बोर्डिंग पास लेकर 11000 रुपये कीमत देनी पड़ी. 

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"following" लिस्ट से सांसद को हटाया
दरभंगा एयरपोर्ट के ट्विटर हैंडल के जो फॉलोइंग लिस्ट है उस फॉलोइंग लिस्ट में से अब दरभंगा के सांसदों,  विधायकों को भी रिमूव कर दिया गया है ट्विटर अब दरभंगा के किसी भी सांसद या विधायक को फॉलो नहीं कर रहा है और ना ही उन लोगों का सुझाव एक्सेप्ट कर रहा है जो लगातार दरभंगा एयरपोर्ट के प्रति कुछ न कुछ दरभंगा एयरपोर्ट अथॉरिटी को लगातार पिछले कई दिनों से सुझाव दे रहे थे इससे साफ जाहिर हो रहा है कि दरभंगा एयरपोर्ट के पीछे कहीं न कहीं एक बहुत बड़ी साजिश खेली जा रही है या फिर तैयार की जा रही है और मिथिला का जो उभरता हुआ एयरपोर्ट था उस एयरपोर्ट को बंद रखने की प्रक्रिया कहीं न कहीं शुरू कर दी गई है।

यात्रियों को हो रही है परेशानी

इस बाबत एक महिला यात्री ने भी कहा कि पटना की अपेक्षा यहां से किराया ज्यादा है. किराए को कम करना चाहिए, लेकिन यहां से हवाई यात्रा बंद होने की गुंजाइश नहीं है. क्योंकि यहां ट्रैफिक काफी है साथ ही कुछ बोर्ड ऐसे लगाया जाना चाहिए जिससे यात्री को समझ में आए कहां से प्रवेश करना है और कहां से बाहर निकलना है. यात्री अकबर ने बताया कि यहां सबसे बड़ी असुविधा यह है कि स्टेशन की तरह हम ट्रॉली लेकर जा रहे हैं. मैनेजमेंट इस पर ध्यान नहीं दे रही है. ऐसे में यात्रियों की कमी लाजमी है. वहीं किराए को लेकर भी एयरलाइंस कंपनी की मोनोपोली है. वजह जो भी हो. ऐसे में यात्री की कमी होनी लाजमी है.