JHANJHARPUR: अग्निवीर योजना के विरोध का असर लहेरियासराय- झंझारपुर-सहरसा नए रेलखंड पर सवारी गाड़ियों के परिचालन पर दिख रहा है। उपयुक्त खंड के यात्री रेलवे की इस दोयम नीति से हलकान व परेशान हैं। यह स्थिति 15 जून के बाद से ही अनवरत जारी है। कभी तीनों जोड़ी सवारी गाड़ियों को चला दिया जाता है तो कभी एक जोड़ी सवारी गाड़ी भी उक्त रेलखंड पर नहीं चल पाती। झंझारपुर रेलवे जंक्शन पर मौजूद रेल के कोई अधिकारी इस बाबत अपना मुंह नहीं खोल रहे, जबकि सीनियर डीसीएम समस्तीपुर की प्रतिक्रिया का प्रयास इस मामले में विफल साबित हुआ है।


शुक्रवार को झंझारपुर जंक्शन पर इस मामले की पड़ताल की गई। मात्र तीन- चार यात्री ही स्टेशन पर मौजूद मिले। बताया गया कि संयोग से शुक्रवार को लहेरियासराय से चलकर सहरसा तक जानेवाली 05543 अप जिसका समय झंझारपुर में एक बजकर उनचास मिनट पर है, ट्रेन आ रही है। यह ट्रेन झंझारपुर में करीब चार बजे के बाद पहुंची। 
परसा बसवारी के जीवेन्द्र कुमार, रिकी कुमारी, सहरसा जा रहे देव राज कुमार ने बताया कि आठ मई को उक्त रेलखंड पर रेल का परिचालन प्रारंभ होने से खुशी हुई थी कि अब परेशानी कम होगी, लेकिन अग्निवीर योजना के बाद तो ट्रेन इस रूट पर मनमर्जी तरीके से चलाई जा रही है, जो कष्टकारक है। 

इन यात्रियों ने बताया कि गुरुवार को उक्त रेलखंड पर नई दी गई तीन जोड़ी ट्रेन में से एक भी ट्रेन नहीं चली। बुधवार को भी यही स्थिति थी और आए दिन बिना किसी सूचना के ट्रेन रद की जा रही है और चलाई जा रही है।  सिर्फ झंझारपुर से बनकर दरभंगा तक जानेवाली डेमू ट्रेन संख्या 05580 सुबह 6.45 में खुलती है और यही ट्रेन रात में आठ बजे के बाद दरभंगा से वापस आती है। सवारी गाड़ियों को रद क्यों किया जा रहा है इस पर स्थानीय किसी अधिकारी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और न ही सीनियर डीसीएम से ही संपर्क हो पाया। रेल सूत्रों ने बताया कि अग्निवीर योजना के विरोध में कई जगह ट्रेनों में आग लगाए जाने का यह परिणाम संभावित है।
रेल के पास कोच की कमी है इसलिए कोच दूसरे रूट पर लगाई जाती है। हालांकि, इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं है। फिलहाल यात्री परेशान हैं और भारतीय रेल को राजस्व के नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।