SAHARSA: अगले साल सितंबर 2023 तक समस्तीपुर मंडल के सभी रेलखंड विद्युतीकृत हो जाएंगे। विद्युतीकरण कार्य का पूर्व मध्य रेल के प्रिंसिपल चीफ इंजीनियर इलेक्ट्रिक से निरीक्षण करा अनुमति मिलते विद्युत ट्रेन चलाई जाएगी।
दीप हाल्ट पर हो रहा रेल विद्युतीकरण का कार्य || Star Mithila News |
समस्तीपुर मंडल के डीआरएम आलोक अग्रवाल ने कहा कि अभी मंडल के करीब 900 रूट किमी इलेक्ट्रीफाइड(विद्युतीकृत) है। बचे अन्य रेलखंडों को सितंबर 2023 तक विद्युतीकृत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। तय समय सीमा के अंदर समस्तीपुर मंडल के सभी रेलखंडों को विद्युतीकृत करते इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की योजना है।
इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन के चलने के डीजल लोको की व्यवस्था खत्म हो जाएगी। विद्युतीकृत होने वाले रेलखंड का पूर्व मध्य रेल के प्रिंसिपल चीफ इंजीनियर इलेक्ट्रिक से निरीक्षण करा अनुमति लेते बताए गए सुधार संबंधित कार्य को पूरा कराते इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि अगले साल में सहरसा से सुपौल, झंझारपुर होते दरभंगा, सहरसा से फारबिसगंज और बनमनखी से बिहारीगंज तक इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की योजना है। कोशिश यह रहेगा कि मार्च 2023 तक झंझारपुर से लौकहा करीब 40 किमी रेलखंड का आमान परिवर्तन कार्य पूरा करने की योजना है।
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इस रेलखंड को भी सितंबर 2023 तक पूरी तरह विद्युतीकृत करने की योजना है।
अगले माह से सहरसा से कटिहार तक दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन:
अगले माह से सहरसा से कटिहार तक इलेक्ट्रिक ट्रेन दौड़ने लगेगी। समस्तीपुर मंडल के डीआरएम आलोक अग्रवाल ने कहा कि 18 जुलाई को बनमनखी से पूर्णिया कोर्ट तक हुए रेल विद्युतीकरण कार्य का पूर्व मध्य रेल के प्रिंसिपल चीफ इंजीनियर इलेक्ट्रिक निरीक्षण करेंगे। उनसे अनुमति मिलने के बाद बताए गए सुधार से संबंधित कार्य को पूरा करते अगले माह अगस्त के पहले सप्ताह से सहरसा से कटिहार और उससे आगे अन्य रेलखंडों तक इलेक्ट्रिक इंजन लगा ट्रेन चलने लगेगी। उन्होंने कहा कि पूर्णिया कोर्ट से पूर्णिया स्टेशन तक एनएफआर को रेल विद्युतीकरण कार्य करना है।
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एनएफ रेलवे से बातचीत करने पर पता चला है कि अगले एक सप्ताह में उनके द्वारा लिंक करने का काम पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद अगस्त के पहले सप्ताह से इलेक्ट्रिक इंजन लग ट्रेनें चलने लगेगी। बता दें कि सहरसा- सियालदह हाटे बाजारे, कोसी, जानकी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें भी इलेक्ट्रिक इंजन लगकर चलने लगेगी। इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने के बाद ट्रेन ऑपरेशन बेहतर हो जाएगा। कम समय में आवाजाही के साथ वातावरण में प्रदूषण नहीं फैलेगा। डीजल के मुकाबले काफी कम खर्च पड़ेगा।