SAHARSA: कोसी इलाके में शादी के नाम पर बिक रही नाबालिग कन्याएं

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SAHARSA: कोसी के इलाके में हर साल शादी के नाम पर नाबालिग बेटियां बिक रही है। यूपी, हरियाणा, राजस्थान समेत अन्य प्रदेशों से पहुंचने वाले लोग शादी कर बेटियों को यहां से ले जाते हैं। ससुराल जाने के बाद ये बेटियां वापस अपने मायके नहीं पहुंचती है। वैसे एक-दो बेटियों को मायके आने दिया जाता है। ताकि दूसरी लड़की के स्वजन को झांसे में लिया जा सके।

लड़की बेचने का आरोप मौसी व मौसा पर लगाया गया। || Star Mithila News

केस एक: दो दिन पहले सिमरीबख्तियारपुर थाना में 10 वर्षीय बच्ची को राजस्थान में डेढ़ लाख रुपये में बेच दिया गया। लड़की बेचने का आरोप मौसी व मौसा पर लगाया गया। जब लड़की को झूठी शादी के नाम पर राजस्थान में बेचने की बात आई तो नाबालिग के पिता वहां पहुंच गये। वहां लड़की से मिलने भी नहीं दिया गया। नहीं मिलने देने पर बच्ची ने पिता को पत्र लिखकर पूरी आपबीती बताई। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है।

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केस दो : सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र में हरियाणा के सोनीपत से पहुंचे दूल्हा समेत अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अधेड़ उम्र के दूल्हा की गिरफ्तारी के बाद यह खुलासा हुआ था कि नाबालिग से उसकी शादी कराई जा रही थी। जब अभिभावकों से पूछताछ की गई तो उनका कहना था कि इस इलाके की एक बेटी की शादी हरियाणा में हुई थी। वह लौटती है तो उसके रहन-सहन को देखकर वो लोग भी फंस गये। शादी का सारा खर्च दूल्हा के स्वजन ही उठाते हैं और अलग से पैसे भी देते हैं जिसके कारण बेटियों की शादी करा दी जाती है। कुछ वर्ष पहले शहर में ही दो बेटियों की शादी कराई जा रही थी जिसे पुलिस ने रुकवाई थी।

मायके से नहीं लौटती है लड़कियां : पिछले चार वर्षों में करीब छह दर्जन बेटियों की शादी दूसरे प्रदेशों में हो चुकी है। इसके लिए गिरोह सक्रिय है। इनमें से अधिकांश लड़की पिछले कई वर्षों से मायके नहीं लौटी है। इन लड़कियों में से कुछ को दलाल अपने गिरोह में शामिल कर लेते हैं। जिनके माध्यम से अन्य लोगों को फंसाया जाता है।

इस तरह की सूचना पर त्वरित कार्रवाई की जाती है। 18 से कम उम्र में शादी कराना कानूनन अपराध है। ऐसे मामलों को लेकर पुलिस सजग है। संतोष कुमार, सदर एसडीपीओ, सहरसा।

सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है। कोसी के इलाके में इस तरह की घटना अक्सर होती है। जिसे रोकने के लिए स्वयंसेवी संस्था समेत पुलिस को अधिक सक्रिय होना होगा। लाजवंती झा, सचिव, भारती मंडन जागृति समाज

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