SIWAN: कोरोना की पहली लहर में लॉक डाउन के दौरान समस्तीपुर-सीवान के बीच चलने वाली 55022 सवारी गाड़ी का परिचालन दो सालों बाद भी शुरू नहीं हो पाया है। समस्तीपुर-सीवान के बीच चलने वाली 55022 सवारी गाड़ी सरकारी व गैरसरकारी कर्मी तथा स्कूली व कोचिंग छात्र के लिए काफी महत्वपूर्ण है। ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं होने से दैनिक यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 


खास कर कोर्ट, स्कूल व सरकारी कार्यालय में कार्य करने वाले लोग ज्यादा परेशान हैं। उन्हें निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है। जिससे उनका खर्च तो बढा ही है सड़क हादसे की आशंका भी बनी रहती है। दैनिक रेल यात्री समेत सामाजिक व राजनीति संगठन भी इस दोनों ट्रेनों का पुन: परिचालन शुरू करने के लिए रेलवे प्रशासन से बार-बार आग्रह कर चुका है लेकिन रेलवे प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि इसको लेकर रैक भी उपलब्ध है।

सीवान से समस्तीपुर के लिए सुबह 4 बजे खुलती थी सीवान पसैंजर : सीवान-समस्तीपुर सवारी गाड़ी सीवान से सुबह 4 बजे खुलती थी। इस ट्रेन से छपरा, सोनपुर, हाजीपुर- पटना, मुजफ्फरपुर, ढोली, पूसा में रहने वाली सरकारी व गैर सरकारी कर्मी के साथ ही दैनिक मजदूर समस्तीपुर पहुंच कर ड्यूटी करते थे। लेकिन ट्रेन सेवा कोरोना के दौरान बंद की गई तो इस पुन: चालू नहीं किया जा सका। जिससे इस रूट के लोग परेशान हैं।

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एस्टेबलिंग लाइन का नहीं हो पाया है निर्माण, यह भी कारण

ट्रेन की रैक को रखने के लिए समस्तीपुर यार्ड में जितवारपुर की ओर दो एस्टेबलिंग लाइन का निर्माण होना था। जिसको लेकर मिट्‌टी करण का कार्य हो चुका है। तीन वर्षाें से इस योजना पर कार्य चल रहा है लेकिन स्टेबलिंग लाइन का निर्माण नहीं हो पाया है। जिससे ट्रेन की रैक रखने में परेशानी हो रही है।

सीवान पैसेंजर ट्रेन नहीं चलाए जाने के कारणों की जांच की जाएगी। आखिर किस कारण से ट्रेन का परिचालन अबतक शुरू नहीं हो पाया है।  आेवर लोड ट्रैफिक के कारण दिक्कतें आ रही है।
-आलाेक अग्रवाल, डीआरएम

^दैनिक यात्रियों की सुविधा के ख्याल से समस्तीपुर-सहरसा रूट पर सुबह 4.45 बजे पूर्व की तरह सवारी गाड़ी चलाया जाना बहुत जरूरी है। सुबह 7.30 बजे खुलने वाली सवारी गाड़ी आठ बजे के बाद किया जाना चाहिए। उधर, सीवान पैसेंजर का परिचालन भी किया जाना चाहिए।
-राकेश तिवारी, सचिव, दैनिक यात्री संघ