PATNA: बिहार के पहले पूर्ण एक्सप्रेस-वे निर्माण को मंजूरी मिल गई है। इस एक्सप्रेस-वे को आमस-दरभंगा के बीच बनाया जाएगा। बिहार में अब तक जितने एक्सप्रेस वे को बनाने को मंजूरी मिली है, सभी दूसरे राज्यों से होकर गुजरती है। लेकिन यह पहला प्रोजेक्ट होगा, जो सिर्फ बिहार के जिलों को जोड़ने का काम करेगा। बताया जा रहा है कि चार पैकेज में बनने वाली इस सड़क के दो पैकेज का टेंडर पूरा हो गया है। सबसे कम बोली लगाने वाली एजेंसी का चयन कर लिया गया है। बताया गया कि भारतमाला परियोजना के तहत आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे पर काम हो रहा है। इस एक्सप्रेसवे के दो पैकेज की मंजूरी हाल ही में केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग परिवहन मंत्रालय ने दी हैजिस पैकेज का टेंडर हो गया है, उसका निर्माण 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह सड़क फोरलेन होगी।
यह होगा पूरा रूट
औरंगाबाद से जयनगर तक बन रहे इस एक्सप्रेस-वे की शुरुआत औरंगाबाद के मदनपुर से हो रही है। गया एयरपोर्ट के बगल से होते हुए जीटी रोड को भी इस सड़क से संपर्कता प्रदान होगी। गया से यह जहानाबाद और नालंदा के बॉर्डर से गुजरते हुए पटना में कच्ची दरगाह में मिलेगी। यहां से बिदुपुर के बीच बन रहे छह लेन पुल से चकसिकंदर, महुआ के पूरब होते हुए ताजपुर जाएगी। वहां से दरभंगा एयरपोर्ट के समीप से गुजरते हुए जयनगर में समाप्त होगी।
सात जिलों के बीच से गुजरेगी एक्सप्रेस-वे
इस एक्सप्रेस-वे को इस तरह से बनाया जा रहा है कि ये उत्तर और दक्षिण के जिलों के बीच सीधा संपर्क स्थापित किया सके। यह एक्सप्रेस-वे सात जिलों से होकर गुजरेगा। जिसमें औरंगाबाद, गया, नालंदा, पटना, जहानाबाद, वैशाली और दरभंगा को जोड़ेगी। औरंगाबाद से जयनगर तक इस सड़क की कुल लंबाई 271 किलोमीटर होगी।
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पटना का गया-दरभंगा एयरपोर्ट से सीधा कनेक्शन
इस सड़क के बनने से पटना का गया और दरभंगा एयरपोर्ट से सीधा संपर्क हो जाएगा। उत्तर व दक्षिण बिहार के बीच सीधा संपर्क होगा। कच्ची दरगाह बिदुपुर के बीच बन रहे पुल के माध्यम से यह वैशाली में प्रवेश करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे बख्तियारपुर-ताजपुर पुल को ताजपुर तक जोड़ने को कहा है। ऐसे में इस सड़क की उपयोगिता और बढ़ जाएगी। वैशाली से समस्तीपुर व दरभंगा होते हुए नेपाल सीमा पर जाकर जयनगर में यह सड़क खत्म होगी। इस तरह फोरलेन बनने वाली यह सड़क पटना के अलावा औरंगाबाद, जहानाबाद, वैशाली व मधुबनी से होकर गुजरेगी।