SAHARSA: बर्थ बुक कराते यात्री लोअर और ट्रेन के अंदर हो जाता अपर या मिडिल। कुछ इस तरह की परेशानी सहरसा-अमृतसर गरीब रथ एक्सप्रेस में यात्रियों को सफर के दौरान झेलनी पड़ रही है।
ट्रेन के कोच से साइड मिडिल बर्थ को नहीं हटाने के कारण सफर के दौरान यात्रियों की नींद गायब रहती है। साइड मिडिल बर्थ की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई कम रहने के कारण यात्री परेशान रहते हैं। सफर के दौरान ना वे चैन से सो पाते, ना बैठ या लेट पाते हैं। कम जगह में साइड मिडिल बर्थ का किए गए प्रावधान की वजह से साइड अपर बर्थ की ऊंचाई भी छोटी हो गई है। साइड मिडिल की तरह साइड अपर बर्थ का सफर भी यात्रियों के लिए कष्टदायक साबित हो रहा है।
बुक कराए गए मनचाहे बर्थ पर यात्रियों का सफर करना संभव नहीं हो पा रहा है। सहरसा से अमृतसर और अमृतसर से सहरसा 1600 किलोमीटर से अधिक दूरी के सफर करने में यात्री परेशान रहते हैं। मजबूरी में मिडिल बर्थ पर किसी तरह से यात्री सफर तय करते हैं।
तत्कालीन रेल मंत्री का आदेश ताक पर: कमाई के चक्कर में नॉर्दर्न रेलवे ने पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी के समय में साइड मिडिल बर्थ को हटाने के आदेश को ताक पर रख दिया है। पूर्व रेलमंत्री के निर्देश को धता बताते अब तक सहरसा-अमृतसर गरीब रथ एक्सप्रेस में साइड मिडिल बर्थ का प्रावधान कर रखा गया है। इसे हटाने के प्रति रेल प्रशासन अब तक उदासीनता बरत रही है।
गुरुवार को नौ कोच में लगा था साइड मिडिल बर्थ: गुरुवार को अमृतसर से सहरसा पहुंची गरीब रथ एक्सप्रेस के 9 कोच में साइड मिडिल बर्थ लगी थी।
वहीं मात्र तीन कोच में साइड मिडिल बर्थ नहीं लगा था। साइड मिडिल बर्थ वाले कोच में 78 और बगैर साइड मिडिल वाले में 72 बर्थ था। ट्रेन में 102-102 सीट वाले चार चेयरकार कोच लगे थे। ट्रेन के थ्री एसी कोच में 220 वेंटिंग लिस्ट रह गया था। चेयरकार फूल होकर गया था।
यात्रियों ने कहा साइड मिडिल बर्थ को हटाए रेलवे
गुरुवार को सहरसा से अमृतसर जाने वाली गरीब रथ एक्सप्रेस में साइड मिडिल बर्थ वाले कोच में सफर करने वाले यात्री रेल प्रशासन को कोस रहे थे। साइड मिडिल और साइड अपर बर्थ पर सफर करने वाले यात्री संजय, पंकज कुमार, पिन्टू, मो. इकबाल ने कहा कि लगभग हर गरीब रथ एक्सप्रेस में साइड मिडिल बर्थ समाप्त कर दिया गया है। लेकिन सहरसा गरीब रथ ही ऐसी ट्रेन है जिसमें आज भी साइड मिडिल बर्थ लगाकर रखा गया है। वहीं राजेश, रेखा, मो. इमरान व अन्य ने कहा कि इस कारण ना तो चैन से सो पाते हैं ना ही बैठकर कुछ खा पाते हैं। उन्होंने कहा कि रेल प्रशासन को यात्री हित में साइड मिडिल बर्थ को हटाना चाहिए।