NATION: देश में अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिलने के साथ ही विकास की सड़क बिछने का सिलसिला शुरू हो गया था। वर्ष 1950-51 में देश में सभी तरह की सड़कों का जाल करीब चार लाख किलोमीटर में फैला था। अब ये बढ़कर 63,31,757 लाख किलोमीटर से अधिक हो गया है। सड़कों के नेटवर्क के मामले में भारत अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर है। अमेरिका में सड़कों का जाल करीब 65.8 लाख किलोमीटर तक फैला है।




1.32 लाख किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार देश में राष्ट्रीय राजमार्ग का दायरा 1,32,499 किलोमीटर तक फैला है। ये देश में कुल सड़कों का 2.09 फीसदी हिस्सा है। वहीं देशभर में राज्य मार्ग का जाल 1,79,535 किलोमीटर फैला है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का जाल वर्ष 2019 तक 45,22,228 किलोमीटर तक था।

सड़क अर्थव्यवस्था की रीढ़

इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (आईबीईएफ) के अनुसार भारत में 64.5 फीसदी उत्पादों को सड़क मार्ग के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जाता है। वहीं 90 फीसदी यात्रा करने वाले लोग सड़क मार्ग का ही प्रयोग करते हैं। देश की सड़कें अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

राजमार्ग (एनएच) में ये आगे

  • राज्य राजमार्ग
  • महाराष्ट्र 17,757
  • उत्तर प्रदेश 11,737
  • राजस्थान 10,342
  • आंकड़े किलोमीटर में
  • राज्यमार्ग (एसएच) में ये आगे
  • राज्य राज्यमार्ग
  • महाराष्ट्र 32,005
  • कर्नाटक 19,473
  • गुजरात 16,746
  • राजस्थान 15,061
  • आंध्र प्रदेश 13,500

आंकड़े किलोमीटर में

गांवों में सड़क के मामले में ये शीर्ष पर

राज्य सड़क (किलोमीटर में)

  • महाराष्ट्र 4,26,327
  • असम 3,72,510
  • बिहार 2,59,507
  • उत्तर प्रदेश 2,55,576
  • मध्य प्रदेश 2,32,344

ऐसे बिछती गई विकास की सड़क

वर्ष सड़क (लाख किलोमीटर में)

  • 1950-51    3.99
  • 1970-71    9.15
  • 1990-91    23.27
  • 2000-01   33.73
  • 2013-14    54.03
  • 2014-15   54.72
  • 2015-16   56.03
  • 2016-17   58.98
  • 2021-22   63.00*

स्रोत: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय

सड़क क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष पांच देश

देश सड़क (लाख किलोमीटर में)

  • अमेरिका 65.8
  • भारत      63
  • चीन        5.28
  • ब्राजील    2.01
  • रूस         1.52
  • स्रोत: वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम

1.47 लाख किलोमीटर का सड़क निर्माण जारी

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस साल मार्च में राज्यसभा को बताया था कि एनएचएआई वर्ष 2024 तक 22 ग्रीन हाईवे का भी निर्माण करेगा।

देश में एक्सप्रेसवे

  • -देशभर में कुल 2091.4 किलोमीटर के एक्सप्रेसवे का संचालन हो रहा है।
  • -भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे है जिसकी लंबाई 340.8 किलोमीटर है।
  • -देश का सबसे चौड़ा एक्सप्रेसवे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे है 96 किलोमीटर का है, 14 लेन हैं।
  • -मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे देश का पहला छह लेन का एक्सप्रेसवे है जो 2002 में शुरू हुआ था।
  • मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे 94.5 किलोमीटर लंबा है, इसे देश की सबसे व्यस्त सड़क भी कहते हैं

एक्सप्रेसवे के मामलों में यूपी सबसे आगे

  • राज्य संख्या कुल लंबाई (किमी.)
  • उत्तर प्रदेश 8 1,312
  • हरियाणा 6 232.7
  • तेलंगाना 2 69.6
  • महाराष्ट्र 1 94.5
  • तमिलनाडु 2 94
  • गुजरात 1 93.1
  • दिल्ली 4 26.6
  • झारखंड 1 25.4
  • बिहार 1 20.5
  • प. बंगाल 1 16
  • छत्तीसगढ़ 1 16
  • कुल 22 2,197

 

भविष्य के प्रमुख एक्सप्रेसवे

1.दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे: एक लाख करोड़ रुपये से बन रहे एक्सप्रेसवे का काम 70 फीसदी पूरा हो चुका है। इसके बनने के बाद दिल्ली से मुंबई की दूरी 12 घंटे कम हो जाएगी।

2.बिहार- दरभंगा (एनएच-119डी) चार लेन का एक्सप्रेसवे औरंगाबाद, गया, पटना और दरभंगा को जोड़ेगा। इसकी लागत पांच हजार करोड़ है। 2024 में पूरा होने की संभावना है।

3.बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे: सड़क निर्माण विभाग 350 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रहा है। बक्सर से लगे यूपी बॉर्डर और भागलपुर (झारखंड बॉर्डर) को जोड़ेगा।

4.गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे: 650 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे की लागत करीब छह हजार करोड़ रुपये आंकी गई है।

5.चंबल एक्सप्रेसवे: 404 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे को तैयार करने में 8200 करोड़ की लागत आएगी। छह लेन का एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के इटावा और राजस्थान के कोटा को जोड़ेगा।

6.हैदराबाद-इंदौर एक्सप्रेसवे: 4244 करोड़ रुपये की लागत से इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेसवे का निर्माण होगा जो तेलंगाना में 136 किलोमीटर का फैला होगा।