BHOPAL: आने वाले तीन साल में वंदे भारत ट्रेनें रेलवे की आंखें बन जाएंगी। यह गाड़ियां राजधानी एक्सप्रेस श्रेणी की ट्रेनों के मुकाबले 20 गुना ज्यादा बेहतर सुविधाएं होंगी। अधिकतम 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से इन्हें चलाया जा सकेगा। जबकि राजधानी एक्सप्रेस श्रेणी की गाड़ियों को अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक ही चलाया जा सकता है।
हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में बन रहे वंदे भारत एक्सप्रेस के कोच व उनमें मिलने वाली सुविधाओं को देखा और जल्द से जल्द तीन रैक निकालने और इनमें से एक रैक भोपाल को देने की बात कही थी। माना जा रहा है कि अक्टूबर तक यह रैक भोपाल को मिल जाएगा। संभावना है कि इस रैक को शताब्दी एक्सप्रेस के स्थान पर चलाया जाएगा। इसका मुख्य कारण यह है कि चेन्नई में जो रैक बन रहे हैं, उनमें स्लीपर के साथ ही सिटिंग श्रेणी के शामिल हैं। दरअसल रेल बजट में अगले 3 साल के दौरान 400 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने की घोषणा की गई थी। इनमें 200 एलएचबी एसी स्लीपर कोच, 100 सिटिंग और 100 एसी चेयरकार वर्जन रहेंगी।
वंदे भारत एक्सप्रेस में रहेंगी यह खास सुविधाएं...
- इंटीरियर को ऐसा बनाया गया है कि कोच के भीतर फिजिकल डैमेज न किया जा सके।
- एसी श्रेणी के कोच के भीतर प्राइवेसी के लिए पार्टिशन किए गए हैं।
- हर बर्थ पर लैपटॉप, मोबाइल चलाने के लिए पर्याप्त जगह होगी।
- वेदर कंडीशंस का पता यात्रियों को कोच के भीतर चल सकेगा।
- ऑटोमेटिक डोर लगाए गए हैं। यह अंदर व बाहर दोनों तरफ रहेंगे।
- पैसेंजर एरिया को कवर करने के लिए हर कोच में सीसीटीवी होंगे।
वाई-फाई बेस्ड इंफोटेन्मेंट सिस्टम से है लैस
ट्रेन के हर कोच में वाई-फाई बेस्ड इंफोटेन्मेंट सिस्टम लगाया गया है। हर यात्री इसे एक्सेस कर सकेगा। ऑटोमेटिक कवच सेफ्टी सिस्टम, इंमरजेंसी अलॉर्म और एग्जिट सिस्टम से इसे लैस किया गया है। हर सीट के रिजर्वेशन की जानकारी यात्रियों को उपलब्ध हो सकेगी। वॉइस कम्यूनिकेशन सिस्टम सहित डिस्प्ले बोर्ड, फायर प्रोटेक्शन सिस्टम भी है।