SAHARSA: कोरोना के बाद से भले ही रेलवे माल ढुलाई और यात्री किरायों में वृद्धि कर मालामाल हो रही हो, लेकिन यात्री किराये से बेहाल हैं. रेलवे ने किराये का बोझ यात्रियों को ऊपर इस तरह डाला है कि पैसेंजर ट्रेनों में भी एक्सप्रेस का किराया वसूला जा रहा है. पैसेंजर ट्रेनों में ₹10 की जगह ₹30 रुपये लगते हैं. सहरसा जंक्शन से खुलने वाली सभी पैसेंजर ट्रेनों को रेलवे स्पेशल ट्रेन करके चला रही है. जिसमें एक्सप्रेस ट्रेन का किराया लिया जा रहा है.




सहरसा से समस्तीपुर, बनमनखी, बिहारीगंज, पूर्णिया जंक्शन, लहेरियासराय आदि रूटों पर चलने वाली सभी पैसेंजर ट्रेन में यात्रियों को सफर करने के लिए एक्सप्रेस का चार्ज देना पड़ता है. बता दें कि मार्च 2020 में कोरोना को लेकर सभी ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया था. नवंबर 2020 से धीरे-धीरे ट्रेन पटरी पर फिर लौटी. रेलवे ने कुछ पैसेंजर ट्रेनों को स्पेशल करके चलाया, ताकि भीड़ ना हो. लेकिन कोरोना समाप्ति के बाद भी यात्रियों को पैसेंजर ट्रेन में एक्सप्रेस का चार्ज लगता है. रेल का राजस्व में नया कीर्तिमान, लेकिन किराये में कमी नहीं : भले ही पूर्व मध्य रेल द्वारा राजस्व प्राप्ति के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया गया है.

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लेकिन पैसेंजर ट्रेनों में एक्सप्रेस का किराया लगने में कोई कमी नहीं की है. पूर्व मध्य रेल द्वारा वित्तीय वर्ष 2022 23 के अगस्त माह में 12 तारीख को 10 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त कर एक नया रिकार्ड कायम किया गया है. यह राजस्व पूर्व मध्य रेल द्वारा पिछले तीन वर्ष के किसी भी वित्त वर्ष के 12 अगस्त तक प्राप्त राजस्व की तुलना में सर्वाधिक है. पिछले तीन वर्ष की तुलना में इस वर्ष 10 हजार करोड़ रुपये का राजस्व काफी पहले प्राप्त कर लिया गया. वर्ष 2019-20 में 21 नवंबर, 2020-21 में 03 दिसंबर को तथा वर्ष 2021-22 में 23 सितंबर को 10 हजार करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त किया गया था. जबकि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में इतना ही राजस्व 12 अगस्त को ही प्राप्त कर लिया गया. सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि किसी वित्त वर्ष के 12 अगस्त को प्राप्त होने वाले राजस्व के दृष्टिकोण से देखा जाये तो वर्ष 2019-20 में 12 अगस्त तक 5921 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ.

जबकि वर्ष 2020-21 में 12 अगस्त तक यह राशि 4452 करोड़ रुपये थी. इसी तरह पिछले वित्त वर्ष अर्थात 2021-22 में 12 अगस्त तक 7638 करोड़ रुपये का रेल राजस्व प्राप्त हुआ. लेकिन रिकॉर्ड कायम करते हुए चालू वित्त वर्ष में 12 अगस्त को ही 10 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ.

शत-प्रतिशत टीकाकरण के बाद एक्सप्रेस ट्रेन का किराया करना था समाप्त

कोरोना के दौर में जब पैसेंजर और मेल एक्सप्रेस ट्रेन की स्पेशल के रूप में में रेलवे ने शुरुआत की थी तो रेलवे का तर्क था कि पैसेंजर ट्रेनों में एक्सप्रेस का चार्ज लगने पर यात्री ट्रेनों में कम सफर करेंगे और इस तरह से कोरोना गाइडलाइन का पालन होगा. शत प्रतिशत टीकाकरण के बाद पैसेंजर ट्रेनों में एक्सप्रेस का लगने वाले किराया को समाप्त कर देना था. लेकिन रेलवे ने ऐसा नहीं किया. लगभग सभी पैसेंजर ट्रेनों में एक्सप्रेस का किराया लग रहा है.

12 अगस्त तक पूर्व मध्य रेलवे ने 10 करोड़ का राजस्व किया हासिल