BIHAR: आने वाले समय में उत्तर और पूर्वी बिहार में भी शानदार एक्सप्रेसवे का निर्माण होगा। एनएचएआई पूर्णिया के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है। भोपाल की एजेंसी डीपीआर बना रही है। एजेंसी को जल्द ही ड्रोन सर्वे करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। बताते चलें कि इस एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 519 किलोमीटर है।
एक्सप्रेस वे का 80% से अधिक हिस्सा बिहार में।
जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी-गोरखपुर एक्सप्रेस-वे की कुल प्रस्तावित लंबाई करीब 519 किलोमीटर है, जिसमें 84 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में रहेगा ये गोरखपुर से शुरू होकर देवरिया व कुशीनगर जनपद जोड़ते हुए बिहार में प्रवेश करेगा। बता दें कि सिलीगुड़ी से गोरखपुर के बीच दूरी करीब 637 किलोमीटर है लेकिन ये दूरी नेशनल हाइवे की है, जो कई जिलों की आबादी के बीच से गुजरता है। लेकिन इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की खासियत ये है कि ये आबादी से नहीं गुजरेगा, लिहाजा ज्यादातर ये एक्सप्रेसवे सीधा ही होगा। इस वजह से दोनों शहरों के बीच दूरी कम हो जाएगी।
बिहार के कई जिलों को होगा फायदा।
गोरखपुर- सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे बिहार के दर्जन भर जिलों से होकर गुजरेगा। पहले इसमें गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज शामिल को शामिल करने का प्रोग्राम था लेकिन हाल में सहरसा और मधेपुरा को जोड़ने की चर्चा जोरो पर है, इस एक्सप्रेसवे से उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच बेहतर कनेक्टिविटी हो सकेगी। इसमें छह और आठ लेन होंगे और एक्सप्रेस-वे का पूरा हिस्सा ग्रीनफील्ड होगा।
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प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार 70 मीटर चौड़े इस एक्सप्रेस-वे के लिए बिहार में 2,731 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इस पर 25,162 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। 25 किमी पूर्वी चंपारण, 73 किमी पश्चिम चंपारण में , शिवहर में 16 किमी, सीतामढ़ी में 42 किमी, मुधबनी में 95 किमी, सुपैल में 32 किमी, अररिया में 49 किमी और किशनगंज से 63 किमी अधिग्रहण की संभावना है।