NATION: देश में फिलहाल अभी दो वंदे भारत ट्रेनों का संचालन हो रहा है। भारतीय रेलवे और भी कई रूटों पर वंदे भारत ट्रेन चलाने पर विचार कर रहा है। इसी बीच पश्चिम रेलवे को चेन्नई स्थित आईसीएफ (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री) से वंदे भारत ट्रेन सेट की नई रेक अलॉट कर दी गई है। यह आवंटन रेल मंत्रालय द्वारा दिया गया है। स्टार मिथिला  को जानकारी के अनुसार पश्चिम रेल ज़ोन को 18 कोच वाली अत्याधुनिक वंदे भारत रेक अलॉट की गई है। यह रेक आईसीएफ में पूरी तरह से डिस्पैच हो चुकी है। इस रेक में केवल पांच फीसदी कार्य फिनिशिंग के तौर पर बाकी रह गए हैं।


आसमानी रंग की होंगी सीटें

पश्चिम रेलवे को अलॉट हुई पहली वंदे भारत ट्रेन सेट लगभग तैयार हो चुकी है। इसमें सीटें लगाने का काम पूरा कर दिया गया है। इस नई वंदे भारत ट्रेन की सीटें रंग स्काई ब्लू रंग की हैं। आईसीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने के अनुरोध पर स्टार मिथिला से कहा, हमने इस रेक को लगभग डिस्पैच कर दिया है। इसमे सीट लगाने का काम पूरा कर दिया है। इसमें अब फिनिशिंग का लगभग पांच प्रतिशत काम और बाकी है, जो एक दो हफ्ते में पूरे कर लिए जाएंगे। उसके बाद रेल मंत्रालय के निर्देशानुसार इसे पश्चिम रेल जोन मुंबई के लिए भेज दिया जाएगा।

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स्टार मिथिला  से चर्चा में पश्चिम रेलवे अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम रेलवे को पहली वंदे भारत ट्रेन सेट अलॉट हो गयी है। इसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं। हमने इसे चलाने के लिए सबसे पहले मुंबई-अहमदाबाद रूट का प्रस्ताव तैयार किया है और समय सारिणी भी बनाई है, लेकिन अभी यह प्राथमिक स्टेज पर है। यानी इसमें बदलाव होना संभव है। रूट और समय सारिणी दोनों पर रेल मंत्रालय के निर्देश के बाद ही आखिरी निर्णय लिया जाएगा। ट्रेन का मेंटेनेंस कहां करना है इसकी अन्य तैयारियां कहां की जानी हैं, इन सब पहलुओं की तैयारी हो रही है। रेल मंत्रालय के निर्देश पर यह रेक मुंबई आएगी।

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यूरोपियन हाई स्पीड ट्रेनों की गति से होगा मुकाबला

आईसीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने स्टार मिथिला  को बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का नया संस्करण 160 किलोमीटर प्रति घंटे (किमी प्रति घंटे) की बजाय 180 किलोमीटर प्रति घंटे (किमी प्रति घंटे) की रफ्तार पकड़ेगा। साल 2025 तक ट्रेन की स्पीड क्षमता अपग्रेड होकर 220 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यात्रा करने का अनुमान है। फिर यूरोप में हाई स्पीड ट्रेनों की औसत गति से मेल खाते हुए 260 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है।

अगले तीन वर्षों में भारतीय रेलवे ने 300 वंदे भारत ट्रेन सेट (2025) के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। 2028 तक यह बढ़कर 500 ट्रेन हो जाएगा। भारत को आजादी मिलने के बाद से अगस्त 2022 तक रेलवे ने इनमें से कम से कम 75 ट्रेनों का निर्माण किया होगा। 500 ट्रेनों के लक्ष्य को पूरा करने के लिए चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री को प्रति माह लगभग 10 वंदे भारत ट्रेनों का उत्पादन करने का लक्ष्य है।