PATNA: राजधानी पटना से उत्तर बिहार की सबसे बड़ी आबादी वाले जिलों के लिए ट्रेन से बेहतर कनेक्टिविटी अब तक बहाल नहीं हो सकी है।
अगस्त 2015 में दीघा-पहलेजा रेलखंड के शुरू होने के बाद भी उत्तर बिहार खासकर पूर्वी व पश्चिमी चंपारण के लोगों को उम्मीद जगी थी कि उनका पटना से बेहतर संपर्क हो सकेगा, पर दोनों जिलों की करीब एक करोड़ से अधिक की आबादी को पटना आने-जाने के लिए एक सीधी ट्रेन 15201 /15202 पाटलिपुत्र-नरकटियागंज-पाटलिपुत्र इंटरसिटी है।
पाटलिपुत्र-दीघा-पहलेजा-मोतिहारी, सुगौली, बेतिया होते हुए नरकटियागंज तक रेलवे की ओर से सात वर्षों से ट्रेनों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है। एकमात्र ट्रेन का समय भी बेतरतीब है। यह ट्रेन पाटलिपुत्र से शाम पांच बजे खुलकर रात पौने 12 बजे नरकटियागंज पहुंचती है, जबकि वापसी में सुबह के चार बजकर 20 मिनट में खुलकर दोपहर साढ़े 11 बजे पहुंचती है। 233 किमी की दूरी तय करने में ट्रेन सात घंटे का समय लगा देती है। यानी इस ट्रेन की औसत स्पीड महज 33 किमी प्रति घंटा है। इस ट्रेन से रोजाना 1200 से 1500 टिकट दोनों जिलों के लिए कटते हैं।
रेलवे की ओर से अब तक पाटलिपुत्र से नरकटियागंज तक ट्रेनों की संख्या बढ़ाए जाने को लेकर न तो बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया है और न ही ट्रेन की रेक बढ़ाने के लिए पहल की जा रही है।
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पटना से छपरा ट्रेन चलाने के लिए दिये सुझाव
पाटलिपुत्र नरकटियांगज रूट पर ट्रेनों की मांग आने पर समीक्षा की जाएगी। जरूरत पड़ी तो ट्रेनों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजेंगे। वैसे नरकटियागंज व दूसरे इलाके के लिए मुजफ्फरपुर से लिंक ट्रेन की सुविधा है। - वीरेंद्र कुमार, सीपीआरओ, पूमरे
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