राज्य सरकार ने रैपिड रेल और कानपुर व आगरा मेट्रो रेल परियोजना को तय समय के अंदर पूरा कराने के लिए 785 करोड़ रुपये दिए हैं। प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने परियोजना देख रहे अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे तय समय के अंदर काम को पूरा कराएं। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच रीजनल रैपिड ट्रांजिट परियोजना पर काम चल रहा है। इस परियोजना में रैपिड रेल चलाई जाएगी जिसका फायदा एनसीआर में रहने वालों को मिलेगा।
राज्य सरकार को परियोजना के लिए 1306 करोड़ रुपये देने हैं। इसके लिए पहले कई चरणों में पैसे दिए जा चुके हैं। अब 450 करोड़ रुपये दिए गए हैं। आवास विभाग ने प्रबंध निदेशक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम को यह धनराशि भेज दी है। इसी तरह कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए 186.75 करोड़ और आगरा मेट्रो को 149.25 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
प्रमुख सचिव आवास ने मेट्रो रेल कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक को निर्देश दिया है कि परियोजना के कामों को तय समय के अंदर पूरा किया जाए। आगरा में परियोजना के लिए जहां भी जमीन की बाधा आ रही है उस बाधा को दूर करने संबंधी प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट से पास कराने की तैयारी है।
बता दें कि रैपिड रेल के कोच में बैठने के लिए दोनों तरफ 2-2 सीटें होंगी। इसके अलावा, यात्री इसमें खड़े होकर भी सफर कर सकेंगे। ऑटोमेटिक दरवाजों के अलावा रैपिड रेल में जरूरत के मुताबिक, दरवाजों को खोलने के लिए पुश बटन भी होंगे।
हर स्टेशन पर सभी दरवाजे खोलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। रैपिड रेल में बड़ी और मेट्रो की तुलना में ज्यादा आरामदायक सीटें होंगी। इसके अलावा हर ट्रेन में एक बिजनेस क्लास कोच होगा। इस कोच में प्लेटफॉर्म से ही एक स्पेशल लाऊंज के जरिए एंट्री होगी। इसके अलावा, हर ट्रेन में एक कोच पहले से ही महिलाओं के लिए रिजर्व होगा।