FARBESGANJ: फारबिसगंज रेलवे स्टेशन पर दो दिन पूर्व सीमांचल ट्रेन के समय प्लेटफार्म पर जमकर हंगामा मचा। मामला एक युवक द्वारा एफओबी की सामग्री चुराने को लेकर था। चोरी का प्रतिरोध कर रहा निजी सुरक्षाकर्मी पर हमला भी हुआ। युवक की गिरफ्तारी हुई तो युवक के घर वालों ने जमकर हंगामा मचाया। आरपीएफ कर्मी भी असहज दिखे मगर ऐसे समय अगर सीसीटीवी कैमरा होता तो घटना की सच्चाई सामने आ जाती। मगर ऐसा नहीं हुआ।
सवाल है राजस्व की दृष्टि से ग्रेड बी होने तथा आश्वासन के बाद भी सीसीटीवी कैमरा क्यों नहीं लगाई जा रही है। विगत दिनों निरीक्षण में आए एनएफ रेलवे मालीगांव के जीएम द्वारा विधि व्यवस्था एवं सुरक्षा के निमित्त सीसीटीवी कैमरा लगाने का आदेश दिए थे मगर जीएम का आदेश भी रद्दी टोकरी की शोभा बढ़ा रही है। जानकार बताते हैं कि आए दिन प्लेटफार्म पर मारपीट के अलावा यात्रियों की समस्याएं होती रहती है। यात्रियों की कुछ शिकायतें भी रहती है।
सीसीटीवी कैमरा लगने से इन मामलों पर रोक लग सकता है। खासकर अपराधिक घटना विधि व्यवस्था मामले में सीसीटीवी ना केवल ऐसे वारदातों पर रोक लगाएगी बल्कि प्रामाणिक साक्ष्य भी प्राप्त की जा सकती है। मगर जानबूझकर सीसीटीवी नहीं लगाने के पीछे स्टेशन की कुव्यवस्था को छुपाना बताया जाता है। आए दिन स्टेशन में आपराधिक घटना घटती है। यात्रियों के साथ भी असुविधाएं होती है। कभी कभी तो स्टेशन पर उत्पन्न किसी भी समस्याओं के समाधान करने के लिए अधिकांश समय अधिकारी भी मौजूद ही नहीं रखते हैं।
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ऐसे में सीसीटीवी की अहमियत को सहजता से महशुश किया जा सकता है। इस संबंध में स्टेशन अधीक्षक मनोज कुमार झा ने बताया कि स्टेशन में सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश अधिकारियों से प्राप्त है और धीरे-धीरे योजना को अंजाम दिया जा रहा है। यह भी कहा कि यह सच है कि सीसीटीवी लगने से घटना दुर्घटना सहित आपराधिक वारदात में अंकुश लगेगा। वही आरपीएफ और जीआरपी अधिकारियों का कहना है कि सीसीटीवी कैमरा विधि व्यवस्था को लेकर बहुत महत्वपूर्ण है।