BIHAR: देशभर में सड़क के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए कई परियोजनाओं पर काम चल रही है। जिससे देश भर के सड़क व राज्यमार्गों को दुरुस्त किया गया है। इसके साथ ही सड़क दुरुस्त हो जाने से देशभर के कई राज्य मार्गों में सड़क दुर्घटना की संख्या में वृद्धि हुई है। इस सड़क दुर्घटन को कम करने के लिए बिहार सरकार अहम् कदम उठाने जा रही है, जिससे सड़क दुर्घटना न हो। इसके लिए राज्य सरकार सभी जगह एक आधुनिक उपकरण लगाना अनिवार्य कर दिया है।
बता दें कि जिन नेशनल हाईवे पर दुर्घटनाएं हो रही है. उनमें एनएच-2 का वाराणसी-औरंगाबाद, एनएच-28 का छपरा-बेतिया-लौरिया-बगहा, एनएच-30 का पटना-बख्तियारपुर, एनएच-31 का बरौनी-मुजफ्फरपुर-पिपराकोठी और एनएच-57 का मुजफ्फरपुर-दरभंगा-पूर्णिया खंड शामिल है। करीब 1400 किमी लंबे इन पांच राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटनाओं के 114 हाट स्पाट चिह्नित किए गए हैं।
ओवर स्पीड गाड़ियों का कटेगा चालान।
इन पांचों एनएच पर पहले चरण में प्रत्येक 10 से 15 किमी की दूरी पर स्पीडगन, कैमरा, चालान की प्रति तैयार करने के लिए आवश्यक उपकरण आदि लगाने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए फोरलेन के दोनों ओर उपकरणों को स्थापित करने को कहा गया है। एनएच के पास कंट्रोल रूम भी स्थापित करने को कहा गया है, ताकि ओवर स्पीड गाड़ियों की मानीटरिंग के साथ चालान काटा जाए।
इस तरह काम करेगा उपकरण
गृह विभाग ने ट्रैफिक आइजी को हाल ही में खरीदे गए 17 इंटरसेप्टर वाहनों को पांचों राष्ट्रीय राजमार्ग पर तैनात करने का निर्देश दिया है। इसके लिए आइजी को इंटरसेप्टर वाहनों का लोकेशन तय करने के साथ हैंडहेल्ड डिवाइस भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है, ताकि तत्काल चालान काटा जा सके। इंटरसेप्टर वाहनों में स्पीड गन के साथ अत्याधुनिक कैमरा व स्क्रीन लगी होती है। एनएच से गुजरने वाले वाहनों की गति स्पीड गन मापकर स्क्रीन पर दिखाती है। साथ ही कैमरा गाड़ी के नंबर प्लेट की तस्वीर खींच लेता है।