Centre High-Speed Transport Plan: सरकार का यात्रियों और सामानों के लिए हाई-स्पीड ट्रांसपोर्ट नेटवर्क विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करती है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी को लेकर रेल मंत्रालय (Railway Ministry) 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन चलाने के लिए सिकंदराबाद (Secunderabad) और बेंगलुरु (Bengaluru) के बीच मौजूदा पटरियों के साथ ग्रीनफील्ड रेलवे लाइन बिछाने पर विचार कर रहा है. वहीं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अगले दो दशकों में एक्सप्रेसवे और एक्सेस-नियंत्रित राजमार्गों की लंबाई 20,000 किमी तक बढ़ाने का खाका भी तैयार किया है.




सूत्रों के मुताबिक तेलंगाना और कर्नाटक के दो आईटी सिटीज को जोड़ने वाले सेमी-हाई स्पीड ट्रैक की शुरुआती अनुमानित लागत लगभग 30,000 करोड़ रुपये है और इस परियोजना को गतिशक्ति पहल के तहत शुरू किया जा सकता है. चूंकि नई पटरियों को तेज ट्रेन की आवाजाही के लिए मौजूदा पटरियों से अलग करना होगा, इसलिए रेलवे को नई पटरियों के साथ 1.5 मीटर की साइड की दीवारें बनाने की आवश्यकता होगी.

वंदे भारत ट्रेनों को मिलेगी प्राथमिकता

रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि 160-200 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से चलने वाली वंदे भारत-प्रकार की ट्रेनों के रोलआउट को अगले दो-तीन दशकों में प्राथमिकता मिलेगी क्योंकि रेलवे ने ट्रैक के बुनियादी ढांचे को बढ़ाकर ट्रेनों की गति बढ़ाने के प्रयास तेज किए हैं. रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि रेलवे का वंदे भारत के कोचों के लिए जाना स्वाभाविक है और यह जल्द ही होने वाला है. पारंपरिक यात्री कोच या आईसीएफ की शुरुआत के दशकों बाद, हम आधुनिक और सुरक्षित कोच या एलएचबी के लिए गए. अगला कदम वंदे भारत ट्रेन-सेट के लिए जाना है. अंततः हमारे यात्री रोलिंग स्टॉक का एक बड़ा हिस्सा इनका होगा.

एक्सप्रेसवे की लंबाई बढ़ाई जाएगी

अधिकारियों ने कहा कि अगले 25 वर्षों के लिए सड़क और रेल बुनियादी ढांचे के लिए रोडमैप रसद लागत को कम करने और परिवहन नेटवर्क को एकीकृत करने पर होगा. राजमार्ग मंत्रालय ने माल ढुलाई की तेज आवाजाही के लिए तेज नेटवर्क प्रदान करने के लिए अगले दो दशकों में एक्सप्रेसवे और एक्सेस-नियंत्रित राजमार्गों की लंबाई 15 गुना से अधिक बढ़ाने का खाका तैयार किया है. ये हाई स्पीड हाईवे नेटवर्क उन 770 आर्थिक नोड्स को जोड़ेगा जिनकी पहचान की गई है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा भविष्य की योजना और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का कार्यान्वयन रेलवे, मेट्रो रेल और राजमार्ग नेटवर्क के साथ हवाई अड्डों का पूर्ण एकीकरण होगा. इसी के साथ क्षेत्र निर्माण लागत कम होगी और समय की बचत भी होगी. 

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हाइवे पर होंगे चार्जिंग स्टेशन 

इसी तरह, शहर परिवहन के मामले में एक तंत्र विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जहां राज्य परिवहन विभाग या परिवहन निगम लोगों को टिकट खरीदने के लिए ऑनलाइन सेवा दे सकेगा. इसका उपयोग परिवहन के विभिन्न साधनों के लिए किया जा सकता है. सड़क परिवहन मंत्रालय (Road Transport Ministry) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ये भी कहा कि सभी आगे बनने वाले और मौजूदा प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) के लिए चार्जिंग स्टेशन भी मिलेंगे. ये एक पूर्व निष्कर्ष है कि भविष्य में हमारे पास और अधिक इलेक्ट्रिक वाहन होंगे. योजना अभी से शुरू करनी होगी ताकि हम उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार हों.