बिहार के इस रेलवे स्‍टेशन पर ट्रेन आने के 30 मिनट पहले खुलता है टिकट काउंटर

Star Mithila News
0

MUNGER: मुंगेर स्टेशन पर ट्रेन के आने से आधे घंटे पहले टिकट काउंटर खुल रहा है। ऐसे में रेल कर्मी के साथ-साथ यात्रियों को भी परेशान होना पड़ रहा है। काउंटर पर भीड़ होने के कारण कई यात्री बिना टिकट लिए ही ट्रेन से सफर करने को मजबूर हैं। राजस्व का भी नुकसान पहुंच रहा है। स्टेशन पर यात्रियों के लगाया गया पंखा भी खराब हो गया है। 


एक नबंर पर दो में से एक पंखा नहीं चल रहा है। दो नंबर प्लेटफार्म पर पंखा तो लगा ही नहीं है। सफाई की व्यवस्था दयनीय है। पैसेंजर ट्रेनों में कोचों की संख्या नहीं बढऩे से यात्रियों को जैसे-तैसे सफर करना पड़ रहा है। स्टेशन के एक छोर से दूसरे छोर और प्लेटफार्म तक पहुंचाने तक एक भी जगह सीसीटीवी नहीं है। यात्रियों में डर बना रहता है।


स्टेशन पर आए दिन शाम में यात्रियों से छिनतई की घटनाएं होती है। परिसर सीसीटीवी लगे होते तो रेल पुलिस को आसानी होती और वारदातों को अंजाम देने में बदमाश भी घबराते हैं। अभी यहां से दो-दो जोड़ी ट्रेनें अप और डाउन दिशा में बेगूसराय और खगडिय़ा के बीच चलती है। एक जयनगर के लिए भी ट्रेन है। दो ट्रेनें साप्ताहिक है जो अगरतला और गांधीधाम के लिए गुजरती है। चार से पांच हजार के आसपास यहां हर दिन यात्रियों की आवाजाही होती है। विभिन्न क्षेत्रों से जहा सैकड़ों विद्यार्थी विभिन्न कालेजों व शिक्षण संस्थानों में पढऩे के लिए आते जाते है। इसके अलावा व्यापारी, उद्योगपति, नौकरी पेशे से जुड़े हजारों लोग रोजाना ट्रेन पकडऩे के लिए रेलवे स्टेशन पर आते जाते है।

खुदरा के लिए होती है परेशानी

काउंटर पर तैनात बुक‍िंग क्लर्क अमरनाथ प्रसाद ने बताया कि वह अकेले हैं, पैसे का मिलान भी करना पड़ता है। टिकट भी काटना पड़ता है। पांच रुपये के खुदरा के लिए काफी परेशान होना पड़ता है। खगडिय़ा और बेगूसराय की टिकटें ज्यादा कटती है। दोनों स्टेशनों का किराया मुंगेर से 15 रुपये है। यात्री टिकट लेने के समय ज्यादातर 20 और 50 का नोट देते हैं। ऐसे में पांच रुपये के खुदरा के लिए परेशान होना पड़ता है।

ई-रिक्शा और आटो वालों का दबदबा

अप और डाउन दिशा में ट्रेन के पहुंचने के बाद ई-रिक्शा और आटो वालों की मनमानी बढ़ जाती है। पूरे स्टेशन परिसर में जैसे-तैसे वाहन खड़ा कर देते हैं। ऐसे में यात्रियों को परेशान होना पड़ता है। पैदल गुजरना मुश्किल होता है। ट्रेन के समय पूरा रोड जाम रहता है। कोई भी पुलिसकर्मी न तो ट्रेन आने के समय दिखते हैं और न ही रोड पर जाम हटाने में।

पेयजल से लेकर लाइट की पर्याप्त व्यवस्था नहीं

गंगा रेल पुल चालू होने के बाद मुंगेर स्टेशन रेलवे का लाइफ लाइन बन गया है। अब यह लाइफ लाइन खुद मझधार में फंस गया है। स्टेशन पर यात्रियों का आवागमन हर दिन चार से पांच हजार के आसपास है। स्टेशन पर शुद्ध पेयजल, गंदगी, शौचालय, विश्रामालय और लाइट की सुविधा नहीं है । रोशनी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण यात्री खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं । अंधेरे का फायदा उठाने के लिए स्टेशन पर बदमाश सक्रिय रहते हैं।

स्टाफ की कमी है। इस वजह से आधा घंटा पूर्व टिकट काउंटर खुलता है। एक ही काउंटर खुलता है। कर्मचारी के आने के बाद समस्या दूर हो जाएगी। -रविंद्र शर्मा, स्टेशन मास्टर।

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top