धीमी रफ्तार में चलने वाली ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए रेलवे ने तैयारी शुरू कर दी है। उम्मीद है कि मेरठ-दिल्ली, मेरठ-सहारनपुर के बीच फर्राटेदार सफर होगा। पहले एक्सप्रेस ट्रेनों की ही स्पीड को लेकर ही काम किया जा रहा था, अब पैसेंजर और मालगाड़ी की रफ्तार को बढ़ाया जाएगा। पैसेंजर ट्रेन की स्पीड बढ़ाकर 80 किमी प्रतिघंटा करने की योजना पर काम किया जा रहा है। वहीं मालगाड़ी की स्पीड भी 45 किमी प्रतिघंटा तक की जाएगी।
इसके लिए देशभर में ट्रेनों के इंजन को पावर सप्लाई करने वाली ओएचई वायर की क्षमता 25 हजार वोल्ट से बढ़ाकर 50 हजार तक की जा रही है। यह काम सबसे पहले उत्तर रेलवे के दिल्ली-मथुरा सेक्शन में शुरू किया गया है। इसके बाद दिल्ली मंडल की दिल्ली से सहारनपुर की रेलवे लाइन पर काम होगा। हर लाइन के लिए 25 हजार वोल्ट का अलग फीडर वायर लगाकर पावर क्षमता बढ़ाने का काम किया जा रहा है, ताकि लो वोल्टेज होने पर इंजन को जरूरत के हिसाब से पावर सप्लाई मिल सके।
27 हजार वोल्ट से बढ़नी शुरू होती है ट्रेन की स्पीड विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ट्रेन की रफ्तार बढ़ाने को 17 हजार और अधिकतम 27 हजार वोल्ट की जरूरत है। सभी ट्रेनों को चलाने के लिए पावर सप्लाई का कार्य ओएचई वायर से किया जाता है। अब 50 हजार तक क्षमता करने के लिए फीडर वायर की लाइनें बिछाई जा रही हैं। अभी ओएचई वायर की क्षमता 25 हजार वोल्ट तक है।
चार जिलों के पचास हजार से ज्यादा यात्री प्रतिदिन करते हैं सफर दिल्ली से सहारनपुर रेलवे ट्रैक की लंबाई 181 किमी है। इस रेलवे ट्रैक से चार जिलों गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर के लगभग 50 हजार यात्री प्रतिदिन पैसेंजर ट्रेनों से सफर करते हैं। खासकर दैनिक यात्रियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए पैसेंजर ट्रेनों को सबसे सस्ता और सुगम साधन माना जाता है। इस रेलवे ट्रैक पर 25 पैसेंजर ट्रेनों का संचालन होता है।
At present Saharanpur passanger is coming very late. Passanger reach their work place late. Will when it change . Thanks
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