GORAKHPUR: गोरखपुर-लखनऊ रूट पर एबसेल्यूट सिग्नल को बदलकर ऑटोमेटिक सिग्नल करते ही इस रूट पर ट्रेनें 110 की बजाय 130 किमी प्रतिघंटा दौड़ेंगी। ट्रैक को 130 किमी प्रतिघंटा के लायक बनाने के लिए बीते दो वर्षों से चल रहा काम अब लगभग पूरा हो गया है। बस सिग्नल सिस्टम के ऑटोमेटिक होते ही ट्रेनें अपनी पूरी रफ्तार से दौड़ेंगी।
रेल प्रशासन ने रेलवे स्टेशन के यार्ड में भी ट्रेनों की गति बढ़ा दी है। लूप लाइन (स्टेशन व यार्ड) में भी ट्रेनें 10 किमी प्रति घंटे की जगह अब 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जाएंगी। गोरखपुर जंक्शन में इसे लागू भी कर दिया गया है। कई अन्य स्टेशनों पर काम तेजी से चल रहा है, जबकि कुछ रेलखंडों में काम में काफी प्रगति है। इससे ट्रेनें समय से पहुंचेंगी और यात्री समय से सफर पूरा करेंगे।
सिग्नल सिस्टम में बड़ा बदलाव अभी तक चल रहे एबसेल्यूट सिग्नल सिस्टम को अब ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम से बदलने की कवायद शुरू हो गई है। इससे ट्रेनें एक के पीछे एक चलती रहेंगी। इस सिस्टम से रेललाइनों पर रफ्तार के साथ ट्रेनों की क्षमता बढ़ेगी। खड़ी ट्रेनों को आगे वाली ट्रेन के अगले स्टेशन तक पहुंचने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। स्टेशन यार्ड से ट्रेन के आगे बढ़ते ही पीछे वाली ट्रेन को भी ग्रीन सिग्नल मिल जाएगा। यानी, एक ब्लॉक सेक्शन में एक के पीछे दूसरी ट्रेनें चलती रहेंगी।