MORADABAD: देश में कई रेलवे स्टेशन ऐसे हैं जहां ट्रेनों के संचालन में आने वाले खर्च से भी कम आमदनी हो रही है। यानी इन छोटे स्टेशनों पर ट्रेन रोकना रेलवे के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है। बात मुरादाबाद रेल मंडल की करें तो यहां पर ऐसे करीब 75 रेलवे स्टेशन हैं जिनकी आमदनी कम है।

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पिछले दिनों रेलवे बोर्ड के उप निदेशक कोचिंग विवेक कुमार सिन्हा ने एक पत्र जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि जिस स्टेशन पर 15 हजार रुपये से कम के टिकट की बिक्री होती है, उन स्टेशनों पर ट्रेनों का स्टापेज खत्म कर दिया जाए। स्टापेज खत्म करने के पीछे तर्क दिया गया था कि एक स्टेशन से ट्रेन संचालन पर 25 हजार रुपये खर्च होते हैं।

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ऐसी स्थिति में मुरादाबाद के इन स्टेशनों पर ट्रेनों के स्टापेज बंद हो सकते हैं। लेकिन, रेलवे के एक नियम के अनुसार इन पर ट्रेनों का स्टापेज बंद नहीं होगा। आइए जानते हैं उन खास वजहों को जिनके आधार पर मुरादाबाद रेल मंडल के इन 75 रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव जारी रहेगा। 

ये हैं वजह

  • धार्मिक स्थल आसपास के स्टेशन
  • स्टेशन जहां आसपास गांव के लोगों को शहर जाने के लिए अन्य संसाधन नहीं हैं
  • जनप्रतिनिधियों की मांग पर जिन स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव किया गया है

रेलवे घाटे को कम करने का कर रहा प्रयास


रेलवे घटा को कम का प्रयास कर रहा है। साथ ही रेलवे के अन्य नियम व सामाजिक दायित्व को ध्यान में रखने का आदेश दिया था। मुरादाबाद रेल मंडल में 152 रेलवे स्टेशन व हाल्ट है। कोरोना के बाद पैसेंजर ट्रेनें कम चलने के बाद छोटे स्टेशन पर टिकट की बिक्री कम हुई है। 75 ऐसे स्टेशन है, जहां प्रतिदिन 15 हजार रुपये के कम की आय होती है।

प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधीर सिंह ने बताया कि रेलवे के नियम के अनुसार इन स्टेशनों पर ट्रेनों का स्टापेज खत्म नहीं किया जा सकता है। मुरादाबाद मंडल में किसी भी स्टेशन से ट्रेनों का स्टापेज खत्म नहीं किया जाएगा। सभी स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव जारी रहेगा।