BHAGALPUR: आनंद विहार से भागलपुर जा रही 22406 गरीब रथ ट्रेन का वेटिंग टिकट जब आरएसी हुआ तो लगा, बैठकर ही सही चला जाऊंगा। लेकिन, यह क्या... 10 नंबर बर्थ! आरक्षित कंपार्टमेंट के किसी बर्थ पैटर्न पर 10 नंबर तो साइड बर्थ नहीं हो सकती- दो दशकों से ट्रेनों में अनगिनत सफर से इतना तो पक्का था। बोगी के अंदर गया तो आम आरक्षित बोगियों की तरह 10 नंबर मिडिल बर्थ ही मिली।
लगा कि गलती से आरएसी दिख रहा होगा। लेकिन, तभी 30 साल के अभिनव आ गए इसी बर्थ के दूसरे आरएसी यात्री। दोनों भौंचक! इसी बीच शाम 5:20 पर ट्रेन निकल पड़ी। मन में एक ही सवाल था कि मिडिल बर्थ पर दोनों कैसे बैठेंगे या कोई एक सोए और दूसरा बैठे- यह भी तो नहीं हो सकेगा। लोअर बर्थ वाले भी अपना हिस्सा छूटने के डर से परेशान दिखे। खैर, ट्वीट की तो रेल मदद ने 6:26 बजे रेफरेंस नंबर 2022071503643 के साथ मदद का भरोसा दिलाया।
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लेकिन, ठीक 7 बजे में बगैर समाधान दिए इस रेफरेंस नंबर को खत्म किए जाने का मैसेज आ गया। अब सब्र टूट रहा था, क्योंकि चल टिकट निरीक्षक (टीटीई) भी समाधान करने को नहीं आए थे। रेल मदद की साइट पर जाकर भी कंप्लेन किया। इस बार 7:13 बजे रेफरेंस नंबर 2022071503886 का मैसेज आया और कुछ देर बाद कॉल भी। कॉल करने वाले ने जब मिडिल बर्थ पर दो यात्रियों को आरएसी मिलने की बात समझी तो टुंडला तक समाधान कराने की बात कही।
इस शिकायत ने ग्राउंड तक काम किया। टीटीई आए और मुझे कहा कि ऊपर की बर्थ 11 नंबर खाली रहती है, उसपर आप चले जाएं। मैंने राहत की सांस ली और पटना तक के ही यात्री अभिनव भी अब संतोष कर रहे थे। मैंने तो बिना देर किए अपनी बर्थ पर जाकर चादर वगैरह बिछा ली, लेकिन कुछ देर बाद टुंडला आया तो हम सब फिर चौंक गए। उसी 10 नंबर पर एक और यात्री आ गए प्रमोद। बिहार तक का सफर इनका भी। अब वह दोनों परेशान।
दूसरे टीटीई ने आकर टिकट जांचा और कहा कि आप दोनों को इसी में एडजस्ट करना पड़ेगा। इस बीच, आरपीएफ के एक सिपाही ने इन दोनों में से एक को धमका भी दिया था कि एजेंट से टिकट लिया होगा, इसलिए यह हुआ।
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अब एडजस्ट ही करो, वरना क्या पता टिकट ही कैंसिल मान लें टीटीई साहब। अबतक लोअर बर्थ वाले समझ चुके थे कि यह दोनों परेशान कर सकते हैं, इसलिए उन्होंने अपना बेड तैयार कर लिया। अब आरएसी के दोनों यात्री मिडिल बर्थ पर एडजस्ट नहीं होने के कारण जैसे-तैसे ‘सफर’ करने लगे। एक बर्थ पर दो से ज्यादा आरएसी यात्रियों के बारे में सुना नहीं था, लेकिन यहां तो तीन-तीन साक्षात देख लिए थे। वह भी मिडिल बर्थ पर।
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जितेंद्र (15 जुलाई को 22406 गरीब रथ की जी 16 बोगी में बर्थ नंबर 10)
“किस्मत से 7 नंबर बर्थ के यात्री नहीं आए, वरना मैं कहां बैठता-सोता? हम तीन यात्रियों को 10 नंबर अलॉट था। दो तो आनंद विहार से आ रहे थे, मैं टुंडला में भागलपुर गरीब रथ पर चढ़ा। 7 नंबर वाले यात्री नहीं आए तो मुझे यह मिल गया। एक 10 और दूसरे 11 नंबर पर सो गए। यह तो जानबूझकर परेशान किया जाना है।”
संत कुमार, (29 जुलाई को 22406 गरीब रथ की जी 10 बोगी में बर्थ नंबर 10)