जयपुर. पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर चर्चा है कि रेलवे कंफर्म टिकट को रद्द करवाने पर भी GST चार्ज वसूल करेगा. उत्तर पश्चिम रेलवे ने इस चर्चा की पुष्टि करते हुए बताया कि यह अफवाह नहीं है बल्कि ऐसा नियम लागू किया गया है.
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बात साफ है कि टिकट करवाते समय भी अब GST देना होगा और अगर आप यात्रा नहीं भी कर रहे है तब भी GST देना होगा. केन्द्र सरकार ने जब से GST को कानून की शक्ल दी है तब से ही रेलवे के एसी रिजर्वेशन में कफंर्म टिकट बुक होने पर रेलयात्री को GST चार्ज देना होता है.
उदाहरण के तौर पर अगर टिकट की कीमत 500 रुपये है तो 5 प्रतिशत जीएसटी चार्ज लगेगा और रिजर्वेशन चार्ज अलग है. लेकिन नए नियम के मुताबिक अगर किसी कारण से रेलयात्री टिकट बुक करवाने के बाद यात्रा नहीं करना चाहता तब भी उसे GST चार्ज देना होगा. वो पहले अपनी कंफर्म टिकट रद्द करवाएगा और रिफंड के समय उसके मूल पैसों में से GST फिर से काटा जाएगा.
आसान शब्दों मे कहे तो यात्री अगर यात्रा करना चाहता है तब भी GST देना होगा और नहीं यात्रा करना चाहता तब भी GST देना होगा.
रेलवे का मानना है टिकट कैंसिल करवाना भी एक तरह की सर्विस के अंतर्गत आता है. रेलवे अगर रेलयात्री की टिकट उसके चाहने पर कैंसिल कर रहा है तो वो उसे एक तरह से सर्विस ही दे रहा है और सर्विस का चार्ज सब जगह लगता है.
इसके अलावा रेलवे नित नए आयाम गढ़ रहा है और यात्रियों की सुविधा के लिए बड़े बजट का इस्तेमाल कर रहा है. ऐसे में बिना ग्राहक से चार्ज लिए ये सब कैसे मुमकिन हो पाएगा.
हालांकि GST का मसला केवल एसी रिजर्वेशन से ही जुड़ा है. एसी से नीचे की बुकिंग पर ये नियम नहीं है. साधारण श्रेणी की टिकट रद्द नहीं हो सकती. इसके अलावा स्लीपर तक यह नियम लागू नहीं है लेकिन थर्ड एसी से लेकर फर्स्ट एसी तक ये नियम लागू हो चुका है.
लगभग 5 प्रतिशत GST फिलहाल रद्दीकरण पर लगाया जा रहा है जिससे मामूली पैसों को चार्ज के तौर पर लिया जाता है, लेकिन अगर ये चार्ज बढ़ता है तो यकीनन रेलयात्रियों के रेल का सफर महंगा साबित हो सकता है.