धनबाद: इस साल अक्टूबर में ही दुर्गापूजा, दीवाली और छठ जैसे बड़े पर्व-त्योहार हैं। इस वजह से ट्रेनों में कंफर्म सीट मिलना तो दूर अब कई ट्रेनें ऐसी हैं जिनमें नो रूम के कारण टिकट भी नहीं मिल रहे हैं। बावजूद धनबाद होकर अब तक त्योहारी स्पेशल ट्रेन चलाने को लेकर संजीदगी नहीं दिख रही है। इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ेगी।
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यात्रियों को होनेवाली असुविधा कम करने के लिए भाजपा नेत्री रागिनी सिंह ने डीआरएम आशीष बंसल के दफ्तर पर दस्तक दी।
उन्होंने त्योहारी सीजन में धनबाद से अलग-अलग शहरों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की सिफारिश की। कहा कि ट्रेनों में भीड़ पहले से बढ़ गई है। स्पेशल ट्रेनें नहीं चलने से हजारों यात्रियों को सफर के दौरान तकलीफ होगी।
इसके साथ ही धनबाद से टाटा जानेवाली स्वर्णरेखा एक्सप्रेस के पाथरडीह में ठहराव को लेकर भी सक्रियता दिखाने की बात कही। बताया कि लगभग सवा दो साल बाद ट्रेन चलने से लोगों को बड़ी राहत मिली थी। पर पाथरडीह में वाणिज्यिक ठहराव हटा लेने से हर दिन सैंकड़ों यात्रियों को परेशानी हो ही है। जब इंजन बदलने के लिए पाथरडीह में ट्रेन रोका जा रहा है तो यात्रियों को सफर की इजाजत क्यों नहीं मिल रही है।
झरिया और आसपास के लोग बड़ी संख्या में पाथरडीह से इस ट्रेन से सफर करते हैं। रेलवे जल्द पहले की तरह ठहराव शुरू कराए। डीआरएम ने स्वर्णरेखा एक्सप्रेस का ठहराव बहाल करने का प्रस्ताव पूर्व मध्य रेल मुख्यालय को भेजने की जानकारी दी। स्पेशल ट्रेनों पर सकारात्मक पहल का भरोसा दिया।
स्वर्णरेखा एक्सप्रेस का ठहराव पाथरडीह से हटाए जाने को लेकर आए दिन आंदोलन हो रहे हैं। पिछले दिनों डीआरएम के दौरे के क्रम में भी स्थानीय लोगों ने ठहराव शुरू करने के लिए मांगपत्र सौंपा था। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि पाथरडीह होकर दो ट्रेनें चल रही हैं। इनमें एक धनबाद-बांकुड़ा मेमू है और दूसरी स्वर्णरेखा एक्सप्रेस। बांकुड़ा मेमू के लिए पाथरडीह से टिकट जारी हो रहे हैं पर स्वर्णरेखा एक्सप्रेस का टिकट बंद कर दिया गया है। एक स्टेशन पर दो तरह की व्यवस्था से लोगों में नाराजगी है।