दरभंगा Darbhanga airport: दरभंगा एयरपोर्ट के रनवे को सुरक्षित करने के लिए परिसर से जानवरों को हटाने की सरकारी कोशिशें अबतक अधूरी साबित हुई हैं। स्थापना के तीसरे साल में भी परिसर से जानवरों को नहीं हटाया जा सका है। (ads1) बावजूद इसके कि इस परिसर में रह रहे नीलगाय व सुअर कभी भी खतरे का वाहक हो सकते हैं। हालांकि, इसके लिए चेन लिंक फेंसिंग के निर्माण का काम पूरा हो चुका है। रनवे से सटे एयरपोर्ट परिसर में रह रहे नीलगाय व जंगली सुअर को हटाने की दिशा में वन विभाग के स्तर पर की जानेवाली तैयारियां अंजाम नहीं पा रहीं।
सर्वे का काम पूरा हो चुका
बताते हैं कि पश्चिम बंगाल में एयरपोर्ट परिसर से जानवरों को हटाने में सफलता हासिल करनेवाली कोलकाता की टीम ने विशेषज्ञ सुबर्तो मुखर्जी के नेतृत्व में सर्वेक्षण का काम पूरा कर लिया है। जानवरों को हटाने में वोमा तकनीक का इस्तेमाल किया जाना है। इसके लिए इनक्लोजर निर्माण के लिए जरूरी प्लास्टिक शीट, पाइप आदि की जरूरत है। जंगली सुअर काफी मजबूती से वार करते हैं सो उनको हटाने के लिए लोहे का पिंजरा बनाया जाना है। इसके लिए लोहे की जाली, एंगिल व अन्य जरूरी सामान भी वन विभाग के पास उपलब्ध होने की बात कही जा रही है।
कोई न कोई बहाना
इन तमाम तैयारियों के बीच कभी बारिश तो कभी कोई और कारण आड़े आ जा रहा है। अबतक वन विभाग यह कह रहा था कि परिसर के सूखने व रवने की सुरक्षा को बनी चेन लिंक फेंसिंग के मजबूत होने के बाद ही जानवरों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। (ads2) कारण यह कि परिसर के वनवर्ती इलाकों में जब जानवरों को हटाने का काम शुरू होगा तो वहां से उनके भागने की संभावना अधिक होगी और वे रनवे तक भी पहुंच सकते हैं। अब जबकि चेन लिंक फेंसिंग का काम पूरा हो चुका है तो फिर जानवरों को हटाने में दलदली जमीन आड़े आ रही है। वन विभाग का दावा है कि शीघ्र ही एयरपोर्ट से जानवरों को शिफ्ट कर दिया जाएगा।