धनबाद: सीनियर सिटीजन्स को पूर्व से ही रेल किराए में रियायत मिल रही थी, लेकिन रेल मंत्री ने जुलाई माह से इसे स्थाई तौर पर बंद कर दिया। इसे पुनः बहाल कराना है। यह विषय देशव्यापी मुद्दा है। केंद्र की सरकार और राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों के दबाव से ही इसका समाधान संभव है। (ads1) इस मुद्दे पर पर्दे के पीछे भाजपा कांग्रेस का एक स्वर जरूर है, लेकिन सामने मंच पर कोई नहीं आना चाहता।
सीनियर सिटीजन्स फोरम फॉर रिस्टोरेशन ऑफ रेलवे कन्शेसन अभियान के संयोजक अनिल पांडेय कहते हैं कि सीनियर सिटीजन्स धनबाद सहित पूरे देश स्तर पर अपने-अपने प्रभाव क्षेत्र में सक्रिय हैं और जनप्रतिनिधियों पर दबाव बना रहे हैं। यदि हम अपने धनबाद जिला के आलोक में बात करें तो यहां भाजपा और कांग्रेस दो प्रभावशाली राजनीतिक दल हैं। धनबाद में भी अनेक सीनियर सिटीजन्स व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर सक्रिय हैं।
सीनियर सिटीजन भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह धनबाद से सांसद हैं। मंगलवार को सीनियर सिटीजन्स का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला। सांसद महोदय व्यक्तिगत तौर पर तो कहते हैं कि सीनियर सिटीजन्स को पूर्व की भांति रेल किराए में रियायत देने की दिशा में रेल मंत्री सक्रिय हैं, लेकिन सांसद महोदय ने सार्वजनिक तौर पर कोई भी विचार व्यक्त नहीं किया।
इधर, सीनियर सिटीजन कांग्रेस नेता ब्रजेन्द्र प्रसाद सिंह जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह जिला बीस सूत्री कमेटी के उपाध्यक्ष हैं। ये भी व्यक्तिगत तौर पर सीनियर सिटीजन्स को पूर्व की भांति रेल किराए में रियायत को पुनः बहाल कराने के पक्ष में हैं। हालांकि सार्वजनिक मंच पर जिला कांग्रेस संगठन की कोई भूमिका नजर नहीं आती है। (ads2) धनबाद जिला भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष तथा जिला भाजपा के वरिष्ठ नेता सीनियर सिटीजन हरि प्रकाश लाटा अपने बयानों के माध्यम से सार्वजनिक रूप से सीनियर सिटीजन्स को रियायत मिलने के पक्षधर प्रतीत होते हैं, मगर इस दिशा में अपेक्षित जमीनी सक्रियता उनमें नजर नहीं आती है।
धनबाद जिला कांग्रेस कमेटी के वरीय उपाध्यक्ष सीनियर सिटीजन मुख्तार खान एकमात्र ऐसे सीनियर सिटीजन नेता हैं जो सीनियर सिटीजन्स को पूर्व की भांति रेल किराए में पुनः रियायत दिलवाने के मुद्दे पर जमीनी रूप से बहुत सक्रिय हैं। कहने का आशय यह है कि धनबाद जिला के भाजपा और कांग्रेस के सीनियर सिटीजन्स नेता सीनियर सिटीजन्स की मांग को सही मानते हैं। बस आम सीनियर सिटीजन्स के साथ सक्रिय होकर मुखर हों। वैसे यह सत्य है कि जिले के आम सीनियर सिटीजन्स विभिन्न बैनरों के तले अपनी शारीरिक प्रतिकूल अवस्थाओं के बावजूद अपनी मांग के पूरा होने तक जिला के विभिन्न हिस्सों में जमीनी स्तर पर सक्रिय रहेंगे।
जब विधायकों और सांसदों को छूट मिलती है तो सीनियर सिटीजन को क्यों नहीं, कहां तो वोट के लालच में महिलाओं को फ़्री में सफ़र कराया जा रहा है और रेलवे छूट से भी आनाकानी कर रहा है।
ReplyDeleteमाग जायज है
ReplyDeleteये सरकार गरीबों असहाय लोगों को लूटने बाली सरकार है इससे न्याय की की उम्मीद करना बेकार है
ReplyDeleteWhy unjustice to Senior citizens inspite of huge profit to Rly Stop every benifits to MLA SANSAD RLY MINISTER SAHIB THINK SERIOUSLY DAY WILL COME YOU WILL ALSO BECOME BUDDHA THEN YOU WILL REALISE
ReplyDeleteसभी सीनियर सिटीजन को बीजेपी का बहिष्कार कर देना चाहिए ।अगर रेलवकिराया में छूट पहले की तरह रेल बहाल नहीं करती।
ReplyDeleteIndia level par senior citizen ek platform par virodh kare.ek date confirm kre.pm ko bheje.
ReplyDeleteCorona period me concession withdraw karna to samajh me aata he.par bahal karne me bahane baji.
ReplyDeleteSenior citizens ki narazgi bahut bhari padegi. Har jeet ka difference vese hi is bar bahut kam rahnewala he