नई वंदे भारत ने तोड़ा बुलेट ट्रेन का रिकॉर्ड, सिर्फ 52 सेकेंड में पकड़ी 100 km प्रति घंटे की रफ्तार

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नई दिल्ली. तीसरी और नई वंदे भारत ट्रेन ने ट्रायल के दौरान सिर्फ 52 सेकंड में 100 km प्रतिघंटे की रफ्तार पकड़ते हुए बुलेट ट्रेनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. बुलेट ट्रेन इस स्पीड को हासिल करने में 54.6 सेकेंड का टाइम लेती है. नई ट्रेन की अधिकतम स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा है. 

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पुरानीवंदे भारत ट्रेन की अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी. रेलवे ने अगस्त 2023 तक ऐसी 75 ट्रेनों का उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. यह ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चल सकती है और इसी महीने आधिकारिक रूप से इसकी शुरुआत की जाएगी.


दरअसल, नई वंदे भारत ट्रेन का बीते शुक्रवार को अहमदाबाद-मुंबई के बीच ट्रायल किया गया था. ट्रेन को अहमदाबाद से मुंबई सेंट्रल के बीच 492 किमी दूरी तय करने में 5 घंटे 10 मिनट का वक्त लगा. शताब्दी एक्सप्रेस अहमदाबाद से मुंबई सेंट्रल पहुंचने में 6 घंटे 20 मिनट का समय लगता है. अहमदाबाद से सुबह 7.06 बजे यह ट्रेन रवाना हुई और सूरत मात्र 2 घंटे 32 मिनट में पहुंच गई जबकि शताब्दी एक्सप्रेस को तीन घंटे लगते हैं.

कॉमर्शियल रूप से चलने को तैयार
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नई ट्रेन 130 सेकंड में 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है जबकि पुराने वर्जन वाली ट्रेन को यह स्पीड पाने में 146 सेकेंड का समय लगता था. उन्होंने आगे कहा, ‘रेलवे का लक्ष्य है कि वंदे भारत ट्रेन का अक्टूबर से नियमित उत्पादन शुरू कर हर माह दो से तीन ट्रेन तैयार की जाएं, जिन्हें आगामी माह में बढ़ाकार पांच से आठ किया जाएगा. इस नई ट्रेन ने सभी परीक्षण पूरे कर लिए हैं और यह कॉमर्शियल रूप से चलने को तैयार है.’

वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि नई ट्रेन में कई एडवांस सिस्टम हैं. उन्होंने कहा कि नई ट्रेन के वजन में भी 38 टन की कमी की गई है जिससे यह और तेज चल सकती है. नई वंदे भारत ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है.

इनमें वैक्यूम आधारित बायो टॉयलेट, ऑटोमैटिक स्लाइडिंग डोर, जीपीएस आधारित सूचना सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे समेत कई सुविधाएं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि फोटोकैटलिटिक एयर प्यूरीफायर सिस्टम नई वंदे भारत ट्रेन को कोरोना सहित हवा से फैलने वाली तमाम बीमारियों से मुक्त रखेगा.

वैष्णव ने कहा, ‘हम अब इसका श्रृंखलाबद्ध तरीके से उत्पादन शुरू करेंगे. परीक्षण पूरा हो चुका है. हमारा लक्ष्य है कि अक्टूबर से शुरू कर हम नियमित उत्पादन प्रारंभ कर सकें, इसके तहत हर महीने दो से तीन ट्रेन का उत्पादन किया जाएगा. इसके बाद इस क्षमता को बढ़ाकर पांच से आठ ट्रेन प्रतिमाह किया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि ज्यादातर ट्रेनों का उत्पादन चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में किया जाएगा .

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