नई दिल्ली. अब रेलवे की जमीन के 5 साल की बजाय 35 वर्षों के लिए भी लीज़ पर लिया जा सकेगा. केंद्र सरकार ने आज इस बारे में बड़ा फैसला लेते हुए लीज़ का समय बढ़ाने पर मुहर लगा दी है. इसके अतिरिक्त, रेलवे लैंड लाइसेंस फीस (LLF) में भी कटौती को मंजूरी दी गई है.
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बुधवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में रेल लैंड लीज में बदलाव को मंजूरी मिली है. अनुराग ठाकुर ने बताया कि PM गति शक्ति फ्रेमवर्क को लागू करने के लिए रेलवे की लैंड लीज में संशोधन किए गए हैं.
रोजगार के मौके मिलेंगे
रेलवे की जमीन के लैंड लाइसेंस फीस को 6 फीसदी से घटाकर 1.5 फीसदी किया गया है. जमीन की बाजार कीमत पर अब 1.5 फीसदी लैंड लीज फीस लिया जाएगा. इसमें 1 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से फीस चुकानी होगी. बताया गया है कि अगले 5 वर्षों में 300 से ज्यादा पीएम गति शक्ति टर्मिनल बनाए जाएंगे. इससे 1.25 लाख से ज्यादा रोजगार के मौके बनेंगे.
कॉन्कोर को लाभ, शेयर भागा
रेलवे की जमीन को लीज पर देने का समय बढ़ाने से सरकारी कंटेनर कंपनी कॉन्कोर को बड़ा लाभ मिलेगा. 2020 तक कॉन्कोर सरकारी कंपनी होने के नाते रियायती दरों पर लीज का लाभ लेती रही थी. हालांकि, उसके बाद सरकार ने फरमान जारी किया अब सरकारी और प्राइवेट कंपनियों से एक समान लीज फीस वसूली जाएगी. इससे कॉन्कोर को 6 फीसदी फीस का भुगतान करना पड़ रहा था और उसके मुनाफे पर इसका प्रभाव पड़ रहा था.
कॉन्कोर (Container Corp) के शेयर में इस फैसले से बड़ी तेजी देखने को मिली है. आज यह शेयर 8.55 फीसदी बढ़कर 726.55 पर बंद हुआ है. इंट्राडे में हालांकि शेयर ने 766.70 रुपये का हाई बनाया. आज यह स्टॉक 668 रुपये पर खुला था.