यात्री 3 बर्थ 1, कैसे कटेगा सफर, रेलवे अधिकारी का जवाब दलाल से टिकट लिया होगा

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BHAGALPUR: गरीब रथ देश में साइड मिडिल बर्थ वाली पहली ट्रेन है। साइड बर्थ पर RAC (रिजर्वेशन एगेंस्ट कैंसिलेशन) नहीं अलॉट करने वाली भी यह पहली ट्रेन रही। अब गरीब रथ में दो और विशेषताएं जोड़ी गई हैं। यह भी परेशानी वाली ही है। यह देश की पहली और संभवत: इकलौती ट्रेन बन गई है, जिसमें तीन RAC यात्रियों को एक बर्थ अलॉट की जाती है। पहली और संभवत: इकलौती ऐसी ट्रेन भी है, जिसमें मिडिल बर्थ पर 3 यात्रियों को बैठने दिया जाता है। 



और, संभवत: ऐसी भी पहली ही ट्रेन है, जिसमें यह सब होने की जानकारी यात्री को बोगी में जाने के पहले नहीं मिल सकती। पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (PRS) या ऑनलाइन टिकट जारी करने वाले इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) को भी इन एक्सक्लूसिव विशेषताओं की जानकारी नहीं, जिसके कारण RAC टिकट लेकर ट्रेन में चढ़े यात्री हैरान-परेशान हो जा रहे। IRCTC दिखाता है कि देश में अभी 56 गरीब रथ ट्रेनें चल रहीं।

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इसके साथ ही इंटरनेट पर लाखों सवाल-जवाब इस बात पर हैं कि गरीब रथ ट्रेनों से साइड मिडिल बर्थ हटाई जा रही हैं। लेकिन, सूचना का अधिकार (RTI) के तहत आए जवाब में रेलवे बोर्ड ने 18 फरवरी 2009 के आदेश का हवाला देते हुए लिखा है कि गरीब रथ से साइड मिडिल बर्थ नहीं हटाई गई हैं। यानी, देश में ऐसी असुविधा’ वाली यही ट्रेन बची है।

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3 यात्री पर 1 बर्थ का प्रमाण है यह चार्ट

गरीब रथ में एक बर्थ पर 3 आरएसी का प्रमाण दो अलग तारीखों के बर्थ चार्ट हैं, जिनमें 10 नंबर पर तीन यात्री अलॉट किए गए हैं। इसी तरह 10 नंबर मिडिल बर्थ होने की शिकायत रेल मदद के रेफरेंस नंबर 2022071503643 और 2022071503886 और 2022071503903 पर दर्ज है। इन शिकायतों और बर्थ चार्ट की पड़ताल PRS से लेकर IRCTC तक की गई तो सामने आया कि ज्यादातर गरीब रथ ट्रेनों में साइड मिडिल बर्थ नहीं हटाई गई हैं। RTI में रेलवे बोर्ड का जवाब भी यही है, हालांकि बर्थ की उपलब्धता के कारण कई गरीब रथ ट्रेनों में बिना साइड मिडिल बर्थ वाली सामान्य एसी थ्री बोगियां भी लग रही हैं। 


साइड मिडिल बर्थ लगी होने के कारण यहां सामान्य ट्रेनों की तरह साइड बर्थ पर आरएसी यात्री अलॉट नहीं हो सकते, इसलिए हर बोगी में तीन ही आरएसी टिकट जारी होते हैं। रेलवे के अनुसार, तीन RAC यात्रियों के लिए दो बर्थ अलॉट करने का प्रावधान है, लेकिन चार्ट में साफ नजर आता है कि तीन यात्रियों के नाम और PNR के आगे एक ही बर्थ नंबर है। बिहार से शुरुआत के कारण इस ट्रेन का सबसे जबरदस्त क्रेज भी यहीं है और साइड मिडिल बर्थ को हटाने की मांग भी ज्यादातर यहीं से उठती है। 

Also Read (Part 3) : Saharsa: लालू की "गरीब रथ" से राहत, पर नया साइड बर्थ कॉन्सेप्ट से परेशानी

ऐसे में बिहार के समस्तीपुर रेल मंडल के रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति (DRUCC) के सदस्य राजीव वर्मा और दानापुर DRUCC के सदस्य कुंदन भारती कहते हैं- “गरीब रथ में साइड मिडिल बर्थ डालकर जितनी कमाई करनी थी, तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के जमाने में ही कर ली गई। अब इसे हटाकर गरीब यात्रियों को राहत देने की मांग हम बार-बार कर रहे हैं। रेलवे बोर्ड तक बात पहुंची हुई है, जल्द ही बिहार के कई सांसदों के जरिए यह मांग वहां पहुंचाई जाएगी। इसी के कारण सारी परेशानी है।”

चार्ट 9 बर्थ वाले कंपार्टमेंट का, बोगी 8 वाली भी

ऑफलाइन टिकट जारी करने वाले पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (PRS) या ऑनलाइन टिकट जारी करने वाली इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) के सॉफ्टवेयर में इसके लिए 10 नंबर बर्थ तय है और 11 नंबर बर्थ को खाली रखा जाता है। इसी में कोच और बर्थ अलॉटमेंट के सिस्टम में तालमेल संकट के कारण 3 तरह की परस्थितियां सामने आ रही हैं।


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