ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलखंड 2025 तक होगा पूरा, 125 में से 5 किमी का काम पूरा

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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कार्य 31 दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा। चारधाम एफएलएस कार्ययोजना के तहत उत्तराखंड में चार अन्य रेल लाइनों के सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है। रेल विकास निगम ने आरटीआई के तहत यह जानकारी दी है। (ads1)

काशीपुर निवासी आरटीआई कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने रेल मंत्रालय से उत्तराखंड की नई रेल लाइनों के संबंध में सूचनाएं मांगी थीं। इसके जवाब में रेल विकास निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक के लोग सूचना अधिकारी ने 16 अगस्त को सूचना उपलब्ध कराई। इसमें बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज पर 126 किमी लंबी रेल लाइन परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। 


चार धाम यात्रा मार्ग पर एफएलएस कार्य के तहत (गंगोत्री-यमुनोत्री) 122 किमी डोईवाला-उत्तरकाशी-बड़कोट, (केदारनाथ-बदरीनाथ) कर्णप्रयाग-साईकोट, सोनप्रयाग, 91 किमी साईकोट-जोशीमठ, 86 किमी साईकोट से पीपलकोटी 21 किमी अंतिम स्थान निर्धारण सर्वे कार्य पूरा किया गया हैै। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग लाइन नौ पैैकेजों में विभाजित है। यह परियोजना पूरी होने की तिथि 31 दिसंबर 2024 है। 

सूूचना में बताया गया कि इस रेललाइन की कुल लंबाई 125.172 किमी में से 5.770 किमी का कार्य पूर्ण हो चुका हैै। मुख्य सुरंगों की 104 किमी लंबाई में से 24 किमी का कार्य किया जा चुका हैै जबकि स्केप सुरंगों की कुल लंबाई 97.7 किमी में से 26 किमी का कार्य कराया जा चुका है। 

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एक महत्वपूर्ण पुल, एक सड़क पुल, सड़क के ऊपर दो पुलों (आरओबी) में से एक, अंडरब्रिज एक, चार एलएचएस में से एक, छोटे 34 पुलों में से 15 का निर्माण हो चुका है। इस रूट पर प्रस्तावित 12 स्टेशनों में से एक नए स्टेशन का काम पूरा हो चुका हैै। 

नदीम ने काशीपुर-धामपुर, खटीमा-सितारगंज-किच्छा, टनकपुर से बागेश्वर रेल लाइन संबंधी सूचनाएं भी मांगी थीं, लेकिन इन्हें रेलवे बोर्ड ने भारत सरकार से संबंधित बताते हुए उपलब्ध नहीं कराया है।

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