नई दिल्ली। भारतीय रेलवे की अति महत्वाकांक्षी और बहुत प्रतीक्षित वंदे भारत ट्रेन के सफल परीक्षण के संपन्न होने के बाद ट्रेनों का निर्माण आगामी अक्तूबर से रफ्तार पकड़ लेगा। परीक्षण के दौरान ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 180 किमी रखी गई थी। इस दौरान रेल के कोच का संतुलन शानदार पाया गया। इस रफ्तार पर पानी की गिलास तक नहीं छलकी।
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बहुत तेजी के साथ बढ़ाया जाएगा उत्पादन
इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अब वंदे भारत के तीसरे चरण की ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 200 किमी प्रति घंटे रखी जाएगी। उन्होंने रेलवे के वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों की प्रशंसा करते हुए कहा कि बहुत तेजी के साथ उत्पादन बढ़ाया जाएगा।
वंदे भारत के कोच में स्थापित एयर कंडीशनर में होगा एंटी वायरस सिस्टम
रेल मंत्री वैष्णव का दावा है कि अपनी जरूरतों के साथ भारतीय रेलवे अपनी डिजाइनों पर तैयार बोगी का निर्यात भी करेंगे। इसके लिए अपनी क्षमता विस्तार भी किया जाएगा। वंदे भारत के कोच में स्थापित एयर कंडीशनर में ऐसी तकनीक का उपयोग किया गया है, जिसमें एंटी वायरस सिस्टम है। यात्रियों की सुविधा के हिसाब से सीट को एडजस्ट किया जा सकेगा। ट्रैक पर दो फुट तक पानी भरा होने के बावजूद ट्रेन के संचालन में कोई कठिनाई पेश नहीं आएगी।
कोचों के वजन को घटाया गया
रेल मंत्री ने बताया कि ट्रेन में कवच सिस्टम लगा हुआ है। ट्रेन की रफ्तार को बनाए रखने के लिए कोचों के वजन को घटाया गया है। कोच का वजन 430 टन से घटाकर 392 टन कर दिया गया है। यात्रियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है। एक सलाव के जवाब में उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 2023 कुल 75 वंदे भारत ट्रेनों का संचालन शुरु कर दिया जाएगा। इसके बाद कुल 400 ट्रेनों का उत्पादन किया जाएगा, जिनमें स्लीपर कोच भी होंगे। एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार को बनाए रखने के लिए ट्रैक सुधार पर विशेष जोर दिया जाएगा।