धनबाद : धनबाद से भुवनेश्‍वर जानेवाले यात्री अब गरीब रथ की सवारी नहीं कर सकेंगे। रेलवे अब इस ट्रेन को गरीब रथ के रैक से नहीं चलाएगी। इसके विकल्प के तौर पर अब थर्ड एसी इकोनाॅमी कोच के साथ ट्रेन चलेगी। इकोनाॅमी कोच मिलने तक धनबाद से भुवनेश्वर के बीच स्पेशल ट्रेन चलती रहेगी। (ads1)

एक अक्टूबर से लागू नए टाइम टेबल में इससे जुड़ी सूचना जारी कर दी गई है। पूर्व तटीय रेलवे ने साफ कर दिया है कि धनबाद -भुवनेश्वर के बीच चलने वाली ट्रेन अब थर्ड एसी इकोनाॅमी कोच के साथ चलेगी। अभी पर्याप्त कोच उपलब्ध नहीं हैं। रेलवे बोर्ड को छह थर्ड एसी इकोनाॅमी कोच और एक ईओजी उपलब्ध कराने संबंधी पत्र दिया गया है। उपलब्ध होते ही धनबाद से भुवनेश्वर के बीच थर्ड एसी इकोनाॅमी कोच के साथ ट्रेन चलेगी।


31 दिसंबर तक स्पेशल ट्रेन को मिली है मंजूरी

गरीब रथ के समय और रूट पर चलने वाली स्पेशल ट्रेन को धनबाद से भुवनेश्वर के बीच 31 दिसंबर तक चलाने की मंजूरी मिली है। इस अवधि से पहले इकोनाॅमी कोच मिल गए तो ट्रेन नियमित ट्रेनों के तर्ज पर चलेगी। कोच न मिले तो स्पेशल ट्रेन के फेरे बढ़ाए जाएंगे।

धनबाद भुवनेश्‍वर की ट्रेन के किराए में करना होगा संशोधन

गरीब रथ का किराया दूसरी एसी ट्रेनों से कम है। ट्रेन में अगर थर्ड एसी इकोनाॅमी कोच जोड़े गए तो उसके अनुसार किराया निर्धारण करना होगा। इकोनाॅमी कोच का किराया थर्ड एसी से थोड़ा कम होने के बाद भी गरीब रथ की तुलना में अधिक होगा।

यात्रियों को झटका, धनबाद-चंद्रपुरा पैसेंजर का पहिया फिर अटका

धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग की बहुप्रतिक्षित ट्रेन धनबाद-चंद्रपुरा पैसेंजर को चलाने की घोषणा इस बार भी हवा हवाई हो गई। पिछले साल बिहार में रेल रोको आंदोलन के दौरान ही रेलवे ने जिन 20 पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की घोषणा की थी, उनमें धनबाद-चंद्रपुरा पैसेंजर भी थी। घोषणा के बाद बिहार की ज्यादातर ट्रेनें पटरी पर लौट गईं, पर धनबाद-चंद्रपुरा पैसेंजर के पहिए अटक गये। एक अक्टूबर से लागू होनेवाले नए टाइम टेबल में इस ट्रेन को जगह मिलने की उम्मीद थी। अब वह भी खत्म हो गई।

रांची-कामाख्या एक्सप्रेस के फेरे बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज

रांची से कामाख्या के बीच चलने वाली ट्रेन के सप्ताह में एक दिन के बदले पहले की तरह दो दिन चलने की उम्मीदों पर विराम लग गया है। नए टाइम टेबल में इस ट्रेन के फेरे बढ़ाने को मंजूरी नहीं मिली। रांची, बोकारो और धनबाद होकर पहले सप्ताह में दो दिन चलने वाली ट्रेन धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन बंद होने के दौरान बंद हो गई थी। बाद में जब दोबारा चली तो साप्ताहिक ट्रेन बन गई। इस बार टाइम टेबल में फेरे बढ़ने की उम्मीद थी पर प्रस्ताव को जगह नहीं मिली। (ads2)

रांची-हावड़ा इंटरसिटी ने धनबाद को कहा अलविदा

रांची से बोकारो और धनबाद होकर हावड़ा जानेवाली इंटरसिटी एक्सप्रेस ने भी धनबाद को अलविदा कह दिया। पांच साल पहले धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन बंदी के दौरान ही रेलवे ने इस ट्रेन का रूट डायवर्ट कर दिया था। धनबाद के हिस्से की ट्रेन महुदा रूट के यात्रियों की झोली में डाल दी गई थी। इस ट्रेन को फिर से धनबाद होकर चलाने के प्रस्ताव कई चरणों में दिए गए। बावजूद दक्षिण पूर्व रेलवे ने यात्रियों के विरोध का हवाला देकर ट्रेन को पुराने रूट से चलाने से इन्कार कर दिया। इस बार के टाइम टेबल में भी ट्रेन के रूट में परिवर्तन नहीं हुआ है। 

स्वर्णरेखा पाथरडीह और कतरास से हटे ठहराव की वापसी भी नजरअंदाज

धनबाद से टाटा जानेवाली स्वर्णरेखा एक्सप्रेस का नया टाइम टेबल एक अक्टूबर प्रभावी हो गया। दोनों ओर से ट्रेन से खुलने और पहुंचने का समय बदल गया। बावजूद पाथरडीह में ठहराव को नए टाइम टेबल में जगह नहीं मिली। कतरास स्टेशन से हटाए गए ट्रेनों के ठहराव वापसी को भी नजरअंदाज किया गया। गुजरने वाली ट्रेनों के साथ-साथ धनबाद से खुलने वाली रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस का ठहराव भी कतरास में शुरू नहीं हो सका।