जयनगर स्टेशन पर बनेगा गुड्स शेड, व्यापारियों को होगी सुविधा

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मधुबनी : जयनगर स्टेशन पर व्यापारियों व श्रमिकों की सुविधा के लिए गुड्स शेड बनेगा। इसपर करीब बीस लाख रुपये खर्च होंगे। गुड्स शेड निर्माण से स्थानीय व्यापारियों व श्रमिकों को माल लोडिंग व अनलोडिंग में सुविधा होगी। जयनगर भारत का सीमावर्ती रेलवे स्टेशन है। ऐसे में रेलवे वहां व्यापार को बढावा देने के लिए गुड्स शेड निर्माण का निर्णय लिया है। रेल अभियंता ने बताया कि समस्तीपुर रेलमंडल द्वारा जयनगर स्टेशन पर गुड्स शेड निर्माण को लेकर टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। संभावना है कि दिसम्बर में टेंडर की प्रक्रिया पूरा होने के बाद नये साल में गुड्स शेड का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इससे सीमावर्ती दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। व्यापारियों को माल मंगाने में सुविधा होगी। रेल परामर्शदात्री समिति के पूर्व सदस्य सुरेशचन्द्र चौधरी एवं विष्णुदेव भंडारी ने बताया कि देर से सही रेलवे ने सही निर्णय लिया है।


खजौली में है रेलवे का रैक प्वांइट

जयनगर से एक स्टेशन पहले खजौली में रेलवे का रैक प्वाइंट है। वाहां गिट्टी, सिमेंट, बालू आदि मंगाया जाता है। यहां से व्यापारी जिले के सुदूर क्षेत्रों मं ट्रक व ट्रैक्टर से मॉल पहुंचाते हैं। मधुबनी में ट्रेनाें का स्टॉपेज कम रहने के कारण यहां के व्यापारी भी जयनगर में ही माल मंगाते हैं। गुडस शेड बनने से कारोबार में सुविधा होगी। रेल अधिकारी ने बताया कि जयनगर में गुडस शेड बनने से रेलवे केआय में भी वृद्धि होगी।


जयनगर में है रेडिमेड व किराना की बड़ी मंडी

भारत-नेपाल सीमा पर स्थित जयनगर बाजार जिले का एक प्रमुख बाजार है। यहां जिले के अन्य बाजार से सस्ता थौक कारोबार होता है। खासकर किराना मंडी एवं रेडिमेड मंडी यहां का प्रसिद्ध है। दोनों देश के लोग शादी, विवाह, श्राद्ध सहित विभिन्न कार्यों में मार्केटिंग के लिए जयनगर बाजार पहुंचते हैं। सीमाक्षेत्र रहने के कारण देशी व विदेशी सामानों की बिक्री भी खूब होती है। यहां मनी एक्सचेंज का कारोबार भी खूब चलता है।


देश की प्रमुख जगहों से हैं सीधी ट्रेनें

सीमावर्ती जयनगर स्टेशन से देश के प्रमुख शहरों के लिए सीधी ट्रेन सेवा है। खासकर मुम्बई, कोलकाता, नई दिल्ली, अमृतसर आदि जगहों के लिए सीधी ट्रेन सेवा रहने से व्यापारियों को मॉल मंगाने में सुविधा होती है। लेकिन गुडस शेड नहीं रहने से सामान धूप एवं बरसात में खुले में रखना पड़ता है। गुडस शेड बनने से व्यापारियों व लोडिंग अनलोडिंग करने वाले श्रमिकों को सुविधा होगी।

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