झंझारपुर—लौकहा रेलखंड पर मार्च से पैसेंजर ट्रेन का परिचालन शुरू हो जाएगी। पहले चरण में झंझारपुर से महरैल तक ट्रेनों के परिचालन की उम्मीद है। रेल अधिकारियोंके अनुसार, मार्च तक झंझारपुर से महरैल तक सात किलोमीटर में ट्रेन दौड़ेगी। यहां तक पटरी बिछाने और बोल्डर लगाने का काम पूरा किया जा चुका है। झंझारपुर बाजार हॉल्ट और महरैल स्टेशन सौंदर्यीकरण का कार्य भी अंतिम चरण में है।
पहले चरण में महरेल तक शुरू होगा परिचालन
रेलवे के अनुसार पहले चरण में महरैल तक एवं दूसरे चरण में वाचस्पति नगर तक ट्रेन परिचालन अगस्त से शुरू हो जाएंगा। 26 मई 2017 को झंझारपुर लौकहा रेल खण्ड में लिया गया था मेगा ब्लॉक झंझारपुर—निर्मली लौकहा अमान परिवर्तन कार्य के लिए 622 करोड आवंटित किया गया था। वर्ष 2022 में निर्मली तक तो ट्रेन का परिचालन शुरू हो गया। मगर झंझारपुर से लौकहा लाइन में अभी भी लोगों के इंतजार खत्म नहीं हुआ है। इस रेलखंड में झंझारपुर जंक्शन के बाद झंझारपुर बाजार हॉल्ट, महरैल, चंदेश्वरस्थान हाल्ट, वाचस्पति नगर, बरहरा हाल्ट, खुटौना और लौकहा स्टेशन है। जहां के लोगों को बीते छह वर्षों से रेल सेवा से महरूम हैं।
फरवरी में संभावित सीआरएस निरीक्षण
झंझारपुर से महरैल स्टेशन तक पैसेंजर ट्रेन का परिचालन मार्च तक शुरू कराने का लक्ष्य है। सीआरएस निरीक्षण के बाद तिथि निर्धारित होगी। दूसरे फेज में वचस्पतिनागर तक ट्रेन को अगस्त तक पहुचाने का लक्ष्य है। -वीरेंद्र कुमार, सीपीआरओ,पूर्व मध्य रेल
झंझारपुर—लौकहा 43 किलोमीटर की दूरी
झंझारपुर—लौकहा रेलखंड की दूरी 43 किलोमीटर है। जिसमें 64 छोटे पुल, सात बड़े पुल का निर्माण किया जाना है। अब तक 51 छोटे पुल का निर्माण पूरा हो चुका है और 13 बचे हुए छोटे पुल का भी निर्माण तीव्र गति से किया जा रहा है। सात बड़े पुल में चार बड़े पुल का निर्माण किया जा चुका है। महरैल से लेकर वाचस्पति नगर तक रेल पटरी बिछाने का काम तेज कर दिया गया है। महरैल तक मालगाड़ी ट्रेन दौड़ाई जा चुकी है।
फरवरी में संभावित सीआरएस निरीक्षण के बाद पैसेंजर ट्रेन चलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।