इस माह शुरू हो सकती है हसनपुर-बिथान के बीच ट्रेन सेवा

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HASANPUR: करीब पांच दशक से लंबित मिथिलांचल की ड्रीम प्रोजेक्ट हसनपुर सकरी रेल परियोजना कुशेश्वर पक्षी बिहार के कारण करीब डेढ़ दशक से बंद पड़ा है । चालू वर्ष में इस प्रोजेक्ट के लिए फंड मिलने के बाद हसनपुर से बिथान 11 किलोमीटर में रेल सेवा शुरू होने की आस जग गई है हसनपुर से बिथान के बीच रेल ट्रैक बिछाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। रेलवे के निर्णय निर्माण विभाग के अधिकारियों की माने तो हसनपुर बिथान के बीच ट्रेन सेवा मार्च महीने से शुरू कर दी जाएगी।


हसनपुर-बिथान के बीच ट्रेन सेवा शुरू करने के लिए जमीन काे समतल कर ट्रेक लिंकिंग का कार्य चल रहा है। इसके बाद सीआरएस का निरीक्षण होगा। निरीक्षण में ओके मिलने के बाद इस खंड पर ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। 50 सालों से लोग इस खंड पर ट्रेन सेवा शुरू करने का इंतजार कर रहे हैं। रेलवे के निर्माण विभाग के डिप्टी चीफ इंजीनियर मिंटू कुमार ने बताया कि मार्च के अंत तक हसनपुर- बिथान के बीच ट्रेन सेवा शुरू कर दिया जाएगा।



डीआरएम आलोक अग्रवाल ने बताया कि इसके बाद बिथान- कौराही हल्ट के बीच कार्य पूरा कर कौराही - कुशेश्वर स्थान (बाबा की नगरी) तक वर्ष 2023 के अंत तक रेलवे लाइन पहुंच जाएगी। गौरतलब है कि चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना को 5 करोड़ रुपए मिले थे। राशि मिलने के बाद योजना में तेजी आयी है। योजना पूरा होने से कोसी व मिथिलांचल की घट जाएगी दूरी इस योजना के पूरा होने पर मिथिलांचल के इस इलाके में विकास के द्वारा खुलेंगे वहीं, कोसी व मिथिलांचल की दूरी घट जाएगी। रेलवे लाइन से समस्तीपुर के अलावा खगड़िया व दरभंगा के लोगों को लाभ मिलेगा। उधर दक्षिण बिहार के लोगों को मिथिलांचल में आना होगा आसान।

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सकरी हसनपुर रेलखंड वाया कुशेश्वरस्थान 45 वर्षों से चल रहा निर्माण कार्य

योजना की यह है स्थिति

योजना पर दो चारणों में काम चल रहा है। इसके लिए अलग-अगल उप मुख्य अभियंता काम कर रहे हैं। पहले चरण में सकरी से कुशेश्वर स्थान के कार्य काे बांटा गया है। इस ओर पर स्क्रीन से हरनगर तक रेलवे लाइन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गयासुद्दीन है। ट्रेन हरनगर तक चल भी रही है। हरनगर से कुशेश्वर स्थान के बीच दरभंगा के तत्कालीन डीएफओ दीगंबर ठाकुर द्वारा दिसंबर 2008 में आपत्ति के बाद कुशेश्वर स्थान पक्षी विहार के पास रेलवे लाइन के निर्माण पर रोक लगी हुई है।


दूसरे चरण में कार्य‌ हसनपुर-कुशेश्वर स्थान की ओर चल रहा है। 79 किलोमीटर की इस योजना में दस रेलवे स्टेशन का होना है निर्माण, लोगों को होगी काफी सहूलियत इस योजना के तहत हसनपुर, बिथान, कौराही, विरौल, कुशेश्वरस्थान, हरनगर, नेडली, बेनीपुर, जगदीशपुर व सकरी को स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है। इसके तहत सकरी, कुशेश्वस्थान व हसनपुर को जंक्शन के अलावा चार क्रॉसिंग स्टेशन, 45 रेलवे गुमटी व 82 छोटे-बड़े पुलों का निर्माण होगा।

योजना का इतिहास पर डालें एक नजर

1951 में योजना के लिये जांच की गई। 1953 में रेलवे बोर्ड ने कहा कि बाढ़ के इलाके में यह संभव नहीं। 1972 में तत्कालीन रेलमंत्री स्व. ललित नारायण मिश्रा ने सर्वे की घोषणा की। इसी बीच समस्तीपुर स्टेशन पर बम विस्फोट में ललित बाबू की हत्या हो गई। इसके बाद इस योजना की फाइल बंद कर दी गई।

1997 में रेल मंत्री रामविलास पासवान ने इस योजना को मिथिलांचल के विकास के लिये जरूरी बताते हुए पुन: खोली व फंड उपलब्ध कराकर शिलान्यास किया। रामविलास के रेलमंत्री से हटते ही कई वर्षों तक इस योजना को राशि नहीं मिली। लालू प्रसाद के रेल मंत्री बनने पर इस योजना को फंड मिलना शुरू हुआ। इस वित्तीय वर्ष में 50 करोड़ रुपये मिले हैं जिससे काम को कराया जाएगा।

हसनपुर- बिथान 11 किलोमीटर में मिट्‌टी का कार्य पूरा करने के बाद ट्रैक लिंकिंग का कार्य चल रहा है। मार्च 2023 तक 11 किलोमीटर में रेलवे सेवा शुरू करने का लक्ष्य है। वैसे जनवरी से बलास्ट ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा।
आलोक अग्रवाल, डीआरएम

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