फारबिसगंज: फारबिसगंज से सहरसा व दरभंगा के बीच ट्रेनेां की परिचालन शुरू नहीं होने से इस क्षेत्र के लेाग काफी आक्रोशित हैं। लोगों का कहना है कि फारबिसगंज से सहरसा के बीच पिछले 15 वर्षों से आमान परिवर्तन का कार्य चल रहा है। विगत एक वर्ष पूर्व 10 जून 2022 को ललितग्राम से नरपतगंज तक सी आर एस के द्वारा निरीक्षण किया गया है । निरीक्षण के उपरांन्त डी आर एम समस्तीपुर आलोक अग्रवाल ने कहा कि अगले आने वाले दो महिने में ललितग्राम से नरपतगंज तक ट्रेन परिचालन शुरू हो जायेगी। लेकिन तब से आज तक सिर्फ हम लेागों को समय पर समय ही मिल रहा है। 




नरपतगंज से फारबिसगंज तक हुआ सी आर एस निरीक्षण 


ज्ञात हो कि इस वर्ष 11 जनवरी को नरपतंगज से फारबिसगंज के बीच भी सी आर एस निरीक्षण हो चुका है। इस बार भी डी आर एम के द्वारा कहा गया कि एक से दो माह में सहरसा से फारबिसगंज के बीच ट्रेन का परिचालन शुरू कर दिया जायेगा जिसमें सबसे पहले सहरसा से ललितग्राम आने वाली डेमू पैसेन्जर का विस्तार फारबिसगंज तक होगा उसके साथ साथ दरभंगा से झंझारपुर आने वाली डेमू का भी विस्तार फारबिसगंज तक होगा। लेकिन सी आर एस निरीक्षण के 4 महिने 18 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक ट्रेनेां की परिचालन नहीं शुरू की गई। 

नई ट्रेन के साथ दोनेां डेमू को मिल चुका है विस्तार


बतादें की 21 अप्रैल को दानापुर से जोगबनी के बीच एक नई एक्सप्रेस ट्रेन की घोषणा हुई थी और उसके बाद अररिया के सांसद ने कहा था कि 1 मई को ट्रेन शुरू हो जाएगी। लेकिन ट्रेन का परिचालन कुछ तकनीकी खराबी के कारण शुरू नहीं हो सकी जो एक आर टी आई से पता चला। 

बार - बार सिर्फ मिल रहा समय


ज्ञात हो की इस रेलखंड पर ललितग्राम और झंझारपुर तक चल रहे डेमू पैसेन्जर को विस्तार को रेलबे बोर्ड से स्वीकृती मिल गई है। साथ ही साथ जोगबनी से दानापुर वाया झंझारपुर और जोगबनी से सहरसा वाया सरायगढ़ एक नई ट्रेन परिचालन की भी स्वीकृती मिल चुकी है। 


स्वीकृति के बाद भी नहीं चली ट्रेन


ज्ञात हो कि उक्त रेलखंड पर सी आर एस के द्वारा 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की अनुमति मिल चुकी है। लेकिन बार बार समय पर समय मिलने के कारण इस क्षेत्र के लोग अब काफी ठगे से महशूश कर रहें है। 1 जून को भारत और नेपाल के बीच एन एफ आर के अन्तर्गत बथनाहा से विराटनगर (कस्टम यार्ड तक) और ई सी आर के अन्तर्गत जयनगर वर्दिवास रेलखंड पर कुर्था से बिजलपुरा के बीच दोनों देशों के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी (भारत) और श्री पुष्प कमल दहल (नेपाल) मिलकर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नई दिल्ली से हरी झंडी दिखायंेगे जिसके लिए कल नेपाल के प्रधानमंत्री भारत आ रहें है। 

ट्रेन नहीं चलने से अब होगा आन्दोलन


बताते चले की लोगों का कहना है कि अगर 1 जून 2023 को इस रूट पर ट्रेनेां की परिचालन शुरू नहीं होती है तो आगे इस रूट पर ट्रेन की परिचालन की उम्मीद करना व्यर्थ है। क्योंकि 1 जून को इस क्षेत्र के लिए बहुत बड़ा दिन है, दोनेां देशों के प्रधानमंत्री, रेलमंत्री, सांसद, विधायक सब एक साथ रहेंगे। इसिलिए अगर 1 जून को उक्त रेलखंड पर ट्रेनों की परिचालन शुरू नहीं होती है तो हमलोग विभिन्न क्षेत्रों से विभिन्न स्टेशनों पर धरना प्रर्दशन और आन्दोलन करेंगे। रेल प्रशासन अब इस रेलख्ंाड पर ट्रेनों की परिचालन शुरू करें।

रेल संबंधित सभी जानकारी पाने के लिए अभी फॉलो करें Star Mithila News